US Tariff 2025: डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ाई टैरिफ लागू करने की डेडलाइन, जानिए किस देश पर कितना शुल्क लगेगा
दुनिया की अर्थव्यवस्था में हलचल मचाने वाला अमेरिका का नया टैरिफ निर्णय एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयात टैरिफ को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने पहले 9 जुलाई 2025 से आयात टैरिफ लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इस तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। नई टैरिफ नीति 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि, “इस फैसले के पीछे उद्देश्य अमेरिका के लिए एक बेहतर व्यापारिक सौदा सुनिश्चित करना है।”
🔍 किन देशों पर कितना टैरिफ?
ट्रंप सरकार ने विभिन्न देशों के लिए टैरिफ की दरें अलग-अलग घोषित की हैं। यहां जानिए किस देश पर कितना शुल्क लगेगा:
देश का नाम | टैरिफ दर (%) |
---|---|
म्यांमार | 40% |
लाओस | 40% |
कंबोडिया | 36% |
थाईलैंड | 36% |
बांग्लादेश | 35% |
सर्बिया | 35% |
इंडोनेशिया | 32% |
बोस्निया और हर्जेगोविना | 30% |
दक्षिण अफ्रीका | 30% |
ट्यूनीशिया | 25% |
मलेशिया | 25% |
कजाकिस्तान | 25% |
दक्षिण कोरिया | 25% |
जापान | 25% |
यह टैरिफ खास तौर पर उन देशों पर लागू होंगे जिनसे अमेरिका भारी मात्रा में आयात करता है, लेकिन जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा लगातार बना हुआ है।
📌 क्यों बढ़ाई गई डेडलाइन?
पहले तय की गई टैरिफ की तारीख 9 जुलाई थी, लेकिन अब उसे 1 अगस्त कर दिया गया है। इसका कारण बताते हुए ट्रंप प्रशासन ने कहा कि व्यापारिक सौदों को अंतिम रूप देने और अमेरिका के पक्ष में बेहतर डील सुनिश्चित करने के लिए यह समयसीमा आगे बढ़ाई गई है।
ट्रंप ने कहा, “अगर कोई देश जवाब में अपने टैरिफ बढ़ाता है, तो अमेरिका भी उसी अनुपात में अपने टैरिफ बढ़ाएगा।”
📞 क्या फिर से आगे बढ़ सकती है डेडलाइन?
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या 1 अगस्त की समयसीमा अंतिम है, तो उन्होंने जवाब दिया, “मैं दृढ़ हूं, लेकिन 100% नहीं। अगर किसी देश से बात होती है और वे कुछ अलग करने की मांग करते हैं, तो हम तैयार हैं।”
इसका अर्थ यह निकाला जा सकता है कि अगर अन्य देश अमेरिका से बातचीत कर सौदा करना चाहें तो यह डेडलाइन और आगे खिसक सकती है।
🤝 अभी तक किससे हुआ करार?
अब तक सिर्फ वियतनाम और ब्रिटेन के साथ ही अमेरिका का व्यापारिक करार सफलतापूर्वक हो पाया है। अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है। यदि अन्य देश सहमत होते हैं, तो उन्हें टैरिफ छूट मिल सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप की यह नई टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार पर गहरा असर डाल सकती है। भारत जैसे देश जिनका अमेरिका के साथ बड़ा व्यापारिक संबंध है, उन्हें भी सतर्क रहने की जरूरत है। आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने देश ट्रंप प्रशासन के साथ नई डील करने के लिए आगे आते हैं।