झाँसी SSP बीबीजीटीएस मूर्ति की जनसुनवाई
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झाँसी SSP बीबीजीटीएस मूर्ति की जनसुनवाई बनी मिसाल, फरियादियों को मिला भरोसा और राहत की सांस

SSP Jhansi –  बीबीजीटीएस मूर्ति की जनसुनवाई बनी मिसाल, फरियादियों को मिला भरोसा और राहत की सांस

झाँसी।
जनपद झाँसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  बीबीजीटीएस मूर्ति ने एक बार फिर यह प्रमाणित किया कि पुलिस व्यवस्था तभी प्रभावी मानी जाती है जब आमजन की आवाज़ सीधे शीर्ष तक पहुंचे और उसे गंभीरता से सुना भी जाए। वे पुलिस कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के दौरान  व्यक्तिगत रूप से फरियादियों की समस्याएं सुनते हैं  और हर शिकायत को पूरी संवेदनशीलता से लेकर, संबंधित अधिकारियों को तत्काल व न्यायोचित कार्रवाई के निर्देश देते हैं ।

झाँसी SSP बीबीजीटीएस मूर्ति की जनसुनवाई

 उन्होंने जिले के सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश देते हुए स्पष्ट किया है  कि—

“फरियादी किसी भी थाने में जाए, उसकी शिकायत पर बिना देरी के एफआईआर दर्ज हो, निष्पक्ष जांच हो और समयबद्ध न्याय मिले। कोई भी लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

SSP मूर्ति न केवल प्रत्येक दिन नियमित रूप से जनसुनवाई करते हैं, बल्कि फरियादियों को संतोषजनक समाधान दिलाने तक मामलों की निगरानी भी करते हैं। उनके निर्देशों के चलते अब अधिकांश शिकायतों का निस्तारण संबंधित थानों पर ही प्रारंभिक स्तर पर हो जाता है, जिससे SSP कार्यालय तक आने वाली शिकायतों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई है। यह दर्शाता है कि नीचे तक की पुलिस व्यवस्था अब अधिक जिम्मेदार और जवाबदेह बन चुकी है।

फरियादियों को SSP ने दिलाया न्याय

जनसुनवाई में पहुंचे बुजुर्ग, महिलाएं और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जब SSP के सामने अपनी बात खुलकर रख पाते हैं और उन्हें त्वरित कार्रवाई का आश्वासन मिलता है  तो उनकी आंखों में उम्मीद और संतोष साफ झलकता दिखा।  अब पीड़ित कहने लगे हैं की —

“पहली बार लग रहा है कि हमारी बात सच में सुनी गई है। SSP साहब ने खुद ध्यान दिया, अब हमें भरोसा है कि हमें न्याय ज़रूर मिलेगा।”

झाँसी पुलिस की जनसुनवाई में तेजी

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी मानना है कि बीबीजीटीएस मूर्ति के नेतृत्व में झाँसी पुलिस कानून की सख्ती और जनसेवा की भावना, दोनों का बेहतरीन संतुलन बनाकर काम कर रही है। उनका स्पष्ट विज़न और आमजन के प्रति उत्तरदायित्व पुलिस प्रशासन की छवि को नई ऊंचाई दे रहा है।

जनसुनवाई ने न केवल लोगों की समस्याएं सुनीं, बल्कि पुलिस-पब्लिक  के संबंधों को मजबूत करने का एक आदर्श उदाहरण भी पेश किया।

रिपोर्ट – राहुल कोष्टा – 7052014871

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"