संघर्ष सेवा समिति ने किया सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स और क्रिएटर्स का सम्मान
झाँसी।
तकनीक और डिजिटल युग में सोशल मीडिया ने युवा पीढ़ी को एक नई पहचान दी है। जहां कभी प्रतिभाओं को मंच के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता था, आज वही मंच मोबाइल स्क्रीन पर उपलब्ध है। झाँसी की माटी में भी कई ऐसे होनहार सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और क्रिएटर्स पनप रहे हैं जो अपने टैलेंट के दम पर न केवल बुंदेलखंड, बल्कि देश-विदेश में अपनी पहचान बना रहे हैं।
इन्हीं डिजिटल सितारों के सम्मान में संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर एक गरिमामयी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सोशल मीडिया की दुनिया में सक्रिय 35 से अधिक क्रिएटर्स और इनफ्लुएंसर को सम्मानित किया गया।
🎖 सम्मानित हुए बुंदेलखंड के डिजिटल हीरो
इस भव्य आयोजन में सम्मान पाने वाले प्रमुख नाम रहे:
अनिल यादव, यशपाल सोनी (पुचका), सिद्धि भारती, नरेन्द्र राजपूत, आकाश पांचाल, अनिकेत निरंजन, गौरव परिहार, हेमंत सर, रूही, वीर सिंह, आदर्श, साहिल, किरन, राहुल ठाकुर, अमन, लकी खान, समीर, नैना, निखिल, सुमित, बेबी इमरान, गायत्री राय, सुनील नाहर, गजेंद्र पाल, संजू, प्रशांत कश्यप, देव योगी, शिवम योगी आदि।
इन सभी को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
🧠 सोशल मीडिया: एक अवसर, एक जिम्मेदारी
समारोह में मौजूद डॉ. संदीप सरावगी ने कहा:
“सोशल मीडिया जहां एक सकारात्मक परिवर्तन का साधन बन रहा है, वहीं इसके दुरुपयोग से समाज में गलत प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। युवाओं को चाहिए कि वे अपनी क्रिएटिविटी और ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाएं और फूहड़ कंटेंट का खुलकर विरोध करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज का युग तकनीकी युग है, ऐसे में हर युवा को डिजिटल साधनों का सदुपयोग करना चाहिए और समाज को जागरूक बनाना चाहिए।
🎤 सजग संचालन और भावनात्मक समापन
कार्यक्रम का संचालन बेबी इमरान द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरे आयोजन को जीवंत बनाए रखा।
समापन पर सुनील नाहर ने सभी उपस्थित क्रिएटर्स, गणमान्य अतिथियों और समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
👥 इनकी उपस्थिति से महका आयोजन
कार्यक्रम में विशेष रूप से संघर्ष सेवा समिति के सदस्य मौजूद रहे, जिनमें शामिल हैं:
डॉ. संदीप सरावगी, अरुण पांचाल, सुशांत गेंडा, बसंत गुप्ता, राजू सेन, सूरज प्रसाद वर्मा, आनंद चौहान, दीक्षा साहू, राकेश अहिरवार, कमल मेहता, राहुल रायकवार, आशीष विश्वकर्मा, मास्टर मुन्नालाल आदि।
💡 प्रेरणादायक पहल, रचनात्मक ऊर्जा को मिला सम्मान
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि बुंदेलखंड का युवा केवल संघर्ष नहीं, सृजन भी कर रहा है। इस तरह के आयोजन युवाओं को आगे बढ़ने, बेहतर कंटेंट बनाने और डिजिटल दुनिया में भारत का नाम ऊंचा करने की प्रेरणा देते हैं।