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Sawan Somvar 2025 Upay: सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय न करें ये गलती, जानें जलाभिषेक का सही तरीका और समय

Sawan Somvar 2025 Upay: सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय न करें ये गलती, जानें जलाभिषेक का सही तरीका और समय

🌿 सावन सोमवार 2025 उपाय: शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय न करें ये गलती, जानें जलाभिषेक का सही समय और तरीका

सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है। यह महीना शिव भक्ति, तपस्या और जलाभिषेक के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। विशेष रूप से सावन के सोमवार को व्रत और पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने की भी कुछ विधियां और नियम होते हैं, जिन्हें जानना और अपनाना आवश्यक है।


🚿 शिवलिंग पर जल चढ़ाने से पहले करें यह तैयारी

  1. ब्रह्म मुहूर्त में उठें – सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठें और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. शुद्ध जल का प्रयोग – जल चढ़ाने के लिए तांबे या चांदी के लोटे में गंगाजल या साफ जल भरें। इसमें अक्षत, चंदन और फूल मिला सकते हैं।

  3. मन में संकल्प लें – जलाभिषेक से पहले संकल्प करें कि आप पूरी श्रद्धा और भक्ति से भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं।


🕉️ शिवलिंग पर जल चढ़ाने की सही विधि (Shivling Par Jal Kaise Chadhaen)

  1. मंदिर जाएं या घर पर शिवलिंग स्थापित करें।

  2. पूर्व या ईशान दिशा की ओर मुख करके खड़े हों।

  3. सबसे पहले गणेश जी के स्थान (शिवलिंग के दाहिने भाग) पर जल चढ़ाएं।

  4. फिर शिवलिंग के बाएं भाग (भगवान कार्तिकेय का स्थान) पर जल अर्पित करें।

  5. अब शिवलिंग के मध्य भाग (अशोक सुंदरी का स्थान) पर जल चढ़ाएं।

  6. शिवलिंग के गोल भाग पर जल अर्पण करें (मां पार्वती का प्रतीक)।

  7. अंत में शिवलिंग के मुख्य भाग पर जल चढ़ाएं जो स्वयं शिव का प्रतीक है।

  8. हर जल अर्पण के साथ “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते रहें।


📅 जलाभिषेक का शुभ समय (Shivling Par Jal Chadhane Ka Shubh Samay)

  • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 5:30 बजे तक) – सबसे उत्तम समय

  • प्रातः काल (सुबह 5:30 से 7:00 बजे तक) – दूसरा श्रेष्ठ समय

  • सुबह 7:00 से 11:00 बजे तक – यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में नहीं कर पाए तो यह भी शुभ है

🔔 ध्यान रखें: रात्रि के समय, सूर्यास्त के बाद जल अर्पण करना वर्जित माना गया है। खासकर बिना मंत्र और दीपक के जल अर्पण ना करें।


❌ शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय न करें ये गलतियां

  1. संगमरमर या टूटी हुई शिवलिंग पर जल न चढ़ाएं

  2. कभी भी गलत दिशा (दक्षिण) की ओर मुंह करके पूजा न करें।

  3. काले तांबे या एल्युमिनियम के लोटे का प्रयोग न करें।

  4. एक ही बार में अधिक मात्रा में जल न डालें, धीरे-धीरे अर्पित करें।

  5. शिवलिंग पर तुलसी या केतकी के फूल न चढ़ाएं।


🌸 सावन सोमवार का महत्व और विशेष लाभ

सावन सोमवार को व्रत रखने और जलाभिषेक करने से:

  • विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं।

  • मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।

  • संतान सुख की प्राप्ति होती है।

  • रोग, शोक और कष्टों से मुक्ति मिलती है।

  • मानसिक शांति और आत्मिक बल की वृद्धि होती है।


सावन का महीना शिवभक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायी है। इस पावन अवसर पर यदि आप सही विधि और नियमों का पालन करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, तो आपकी भक्ति अवश्य सफल होती है। भगवान शिव केवल भाव के भूखे हैं, इसलिए पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से जल अर्पण करें — महादेव स्वयं आपकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।


(डिसक्लेमर): यह लेख धार्मिक मान्यताओं, शास्त्रों एवं परंपराओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य जन-सामान्य में धार्मिक जानकारी फैलाना है। पाठक स्वयं की श्रद्धा एवं विवेक अनुसार इन जानकारियों को अपनाएं।


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विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"