🌿 सावन का पहला सोमवार 2025: जानिए व्रत की तिथि, पूजा विधि और मंत्र
सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की भक्ति और उपासना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। यह माह श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है और पूरे भारतवर्ष में विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। विशेषकर सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
📅 सावन का पहला सोमवार 2025 में कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने का पहला सोमवार इस साल 14 जुलाई 2025 को पड़ रहा है। इस दिन भक्तजन व्रत रखकर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करेंगे।
🕒 व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त:
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तिथि प्रारंभ: 14 जुलाई 2025 को रात 01:02 बजे
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तिथि समाप्ति: 14 जुलाई को रात 11:59 बजे
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पूजा का उत्तम समय: सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक (ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रदोष काल तक पूजा उत्तम मानी जाती है)
🙏 सावन सोमवार का महत्व (Sawan Somwar Significance)
सावन सोमवार को व्रत रखने और शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा अर्पित करने से शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि सावन में शिव पूजन से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है, कुंवारी कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है।
🛐 सावन सोमवार व्रत और पूजा विधि (Sawan Somwar 2025 Puja Vidhi)
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ब्रह्म मुहूर्त में उठें, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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पूजा स्थान को शुद्ध करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
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भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
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व्रत का संकल्प लें और शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, पंचामृत चढ़ाएं।
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बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, फल, मिठाई, अक्षत आदि अर्पित करें।
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घी का दीपक और धूप जलाएं।
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‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
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अंत में आरती करें और भगवान से सुख-शांति की प्रार्थना करें।
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पूरे दिन फलाहार व्रत रखें और अन्न का सेवन न करें।
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शाम को फिर से शिव पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
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अगले दिन व्रत का पारण करें और दान-पुण्य करें।
📿 शिव पूजन मंत्र (Sawan First Somwar 2025 Puja Mantra)
नीचे दिए गए मंत्रों का जाप सावन सोमवार के दिन विशेष फलदायी माना गया है:
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
म्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने। नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने।
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।।
इन मंत्रों का जप करने से मानसिक शांति, स्मरण शक्ति में वृद्धि और पापों का नाश होता है।
🔔 सावधानी और नियम
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व्रत वाले दिन मन, वचन और कर्म से पवित्र रहें।
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बिना स्नान किए पूजा न करें।
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भगवान शिव को तुलसी या केतकी के फूल अर्पित न करें।
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दोपहर में नींद लेने से बचें।
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रात्रि में शिव चालीसा, शिव पुराण का पाठ करें।
सावन का पहला सोमवार, भगवान शिव की कृपा पाने का दुर्लभ अवसर है। इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत और विधिवत पूजन से जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं। आप भी इस पावन दिन शिव भक्ति में लीन होकर जीवन को धन्य बनाएं।
(डिसक्लेमर/अस्वीकरण):
यह लेख धार्मिक ग्रंथों, पौराणिक कथाओं और आम जनमान्यताओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक जानकारी देना है। पूजा विधियों को अपनाने से पहले अपने पंडित या गुरु से परामर्श अवश्य लें।