🌿 Sawan 2025- सावन 2025 की पावन शुरुआत
सावन यानी श्रावण मास—हिंदू धर्म का सबसे प्रिय, पवित्र और आध्यात्मिक महीना। वर्ष 2025 में सावन 11 जुलाई (शुक्रवार) से आरंभ होकर 09 अगस्त (शनिवार) को समाप्त होगा। यह मास भगवान शिव की आराधना का पर्व है, जब आकाश में घटाएं उमड़ती हैं, धरती हरियाली से लिपटती है और वातावरण “ॐ नमः शिवाय” के उच्चारण से गूंज उठता है।
🔱 सावन का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तब उसमें से अमृत के साथ-साथ एक भीषण विष—हलाहल—भी निकला, जिसकी ज्वाला से तीनों लोक कांप उठे। जब कोई भी उसे संभालने में सक्षम नहीं रहा, तब सृष्टि की रक्षा हेतु भगवान शिव ने वह विष स्वयं पान कर लिया।
इससे उनका कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाए।
विष के प्रभाव को शांत करने के लिए देवताओं ने उन्हें गंगाजल अर्पित किया और बेलपत्र, धतूरा, आक आदि से उनका अभिषेक किया।
मान्यता है कि यह समुद्र मंथन श्रावण मास में ही हुआ था। इसलिए इस मास में शिवजी का जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, उपवास, रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र का जाप अत्यंत फलदायक माना गया है।
यह कथा केवल एक पौराणिक संदर्भ नहीं, बल्कि त्याग, सहनशीलता और समर्पण की पराकाष्ठा है। श्रावण मास में जब श्रद्धालु जल चढ़ाते हैं, तो वह जल केवल अभिषेक नहीं होता, बल्कि सृष्टि की रक्षा करने वाले महादेव के प्रति श्रद्धा और आभार की पवित्र अभिव्यक्ति होती है।
इस माह में शिव की आराधना करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और जन्म-जन्म के पाप नष्ट होते हैं।
📆 सावन सोमवार 2025 की तिथियां
श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व है। यह दिन शिव-शक्ति की आराधना, ब्रह्मचर्य और भक्ति का प्रतीक है। 2025 में चार सावन सोमवार आएंगे:
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14 जुलाई 2025 – पहला सोमवार
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21 जुलाई 2025 – दूसरा सोमवार
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28 जुलाई 2025 – तीसरा सोमवार
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04 अगस्त 2025 – चौथा सोमवार
🧘♀️ सावन सोमवार व्रत विधि
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प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और सफेद या पीले वस्त्र धारण करें।
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घर या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना कर पंचामृत से रुद्राभिषेक करें।
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बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, भांग, सफेद चंदन अर्पित करें।
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“ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।
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शिव चालीसा, रुद्राष्टक, महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
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शाम को दीप जलाकर आरती करें।
🌺 मंगला गौरी व्रत – सुहाग की रक्षा का व्रत
श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को विवाहित स्त्रियाँ यह व्रत करती हैं। यह व्रत देवी पार्वती को समर्पित होता है और अखंड सौभाग्य, सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति के लिए किया जाता है। 2025 में मंगला गौरी व्रत की तिथियां होंगी:
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15 जुलाई
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22 जुलाई
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29 जुलाई
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05 अगस्त
महिलाएं दिनभर व्रत रखकर रात में मंगल गीत, कथा, दीप दान, और 16 श्रृंगार से पूजा करती हैं।
🌌 सावन शिवरात्रि 2025 की तिथि
23 जुलाई 2025 (बुधवार) को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। यह मासिक शिवरात्रि नहीं बल्कि विशेष सावन माह की शिवरात्रि होगी, जो अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है।
इस दिन रात्रि जागरण, चार प्रहर की पूजा, रुद्राभिषेक और रात्रिकालीन महामृत्युंजय जाप अत्यधिक फलदायी होता है।
💧 रुद्राभिषेक का आध्यात्मिक रहस्य
रुद्राभिषेक केवल एक कर्मकांड नहीं बल्कि आत्मशुद्धि की प्रक्रिया है। इसमें पंचामृत, गंगाजल, शहद, घी, दही, और जड़ी-बूटियों से शिवलिंग पर अभिषेक किया जाता है।
प्रत्येक द्रव्य का अपना आध्यात्मिक प्रभाव होता है:
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दूध – मन की शांति
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दही – शुद्धि
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घी – आरोग्यता
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शहद – आकर्षण
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गंगाजल – मोक्ष प्राप्ति
🚶♂️ कांवड़ यात्रा: आस्था का महासागर
सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख, देवघर आदि से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हैं। इसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है। वे इसे अपने गांव-मोहल्ले के शिव मंदिर में अर्पित करते हैं।
यह यात्रा न केवल शरीर का तप है, बल्कि आत्मा की परीक्षा भी होती है – एक भक्त अपने ईश्वर तक अपनी थाली खुद लेकर जाता है।
💞 शिव-पार्वती विवाह कथा
श्रावण मास में शिव-पार्वती विवाह कथा का विशेष महत्व है। इस कथा को सुनने से अविवाहित कन्याओं को योग्य वर और विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
एक समय जब पार्वती तपस्या कर रही थीं, तो नारद मुनि ने उन्हें सावन मास के सोमवार व्रत का महत्व बताया। पार्वती ने पूरे माह व्रत रखा और अंततः शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया।
🚫 सावन में क्या न करें?
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मांस, मदिरा, तंबाकू जैसे अपवित्र पदार्थों से दूर रहें।
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बासी भोजन और प्याज-लहसुन न खाएं।
- क्रोध, अपशब्द और कटुता से बचें।
✅ सावन में क्या करना चाहिए?
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नियमित शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
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महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
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गरीबों को वस्त्र, जल और भोजन का दान करें।
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ब्रह्मचर्य और संयम का पालन करें।
🔔 सावन और भारतीय संस्कृति
सावन न केवल एक धार्मिक महीना है, बल्कि भारतीय संस्कृति की मूल आत्मा है – इसमें भक्ति है, पर्यावरण प्रेम है, नारी सम्मान है, संयम है और जीवन की सरलता है।
सावन 2025 आपके जीवन में नई ऊर्जा, आत्मिक शांति और ईश्वर कृपा लेकर आए। इस मास में शिव आराधना, रुद्राभिषेक, व्रत और सेवा के माध्यम से न केवल धर्म की पूर्ति होती है, बल्कि एक श्रेष्ठ मानव बनने का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
📢 डिस्क्लेमर (अस्वीकरण):
यह लेख प्राचीन धर्मग्रंथों, पुराणों, पंचांग और सामान्य लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी केवल श्रद्धा और आस्था की दृष्टि से प्रस्तुत की गई है। TV10 Network किसी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता। किसी भी अनुष्ठान से पूर्व योग्य पंडित या आचार्य से सलाह अवश्य लें। कोई सुझाव, सूचना या लेख हो तो आप हमें info@tvtennetwork.com पर मेल करें या 7068666140 पर व्हाट्सएप करें। आपकी भागीदारी हमारे लिए प्रेरणा है।