सेना की नई ताकत: ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियन’ का गठन
26 जुलाई 2025 को जब पूरा देश कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मना रहा था, उसी दिन भारतीय सेना के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दो नई सैन्य इकाइयों — ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव लाइट कमांडो बटालियन’ के गठन की घोषणा की। इन दोनों यूनिट्स से भारतीय सेना की ताकत और प्रभावशीलता कई गुना बढ़ने वाली है।
🔱 रुद्र ब्रिगेड: एकीकृत ऑल-आर्म्स यूनिट
‘रुद्र ब्रिगेड‘ को एक ऑल-आर्म्स ब्रिगेड के रूप में डिजाइन किया गया है जिसमें भारतीय सेना की विभिन्न शाखाओं को एक ही कमान में संगठित किया जाएगा। इसमें शामिल होंगे:
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इन्फैंट्री (पैदल सेना)
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मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री और टैंक रेजीमेंट्स
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आर्टिलरी यूनिट्स
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स्पेशल फोर्सेस
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अनमैन्ड एरियल सिस्टम (ड्रोन यूनिट्स)
यह ब्रिगेड पूरी तरह से लॉजिस्टिक और कॉम्बैट सपोर्ट से लैस होगी और किसी भी थिएटर में हाई-इंटेंसिटी वॉरफेयर के लिए तैयार रहेगी। इसका मुख्य उद्देश्य है “ऑपरेशनल सिनर्ज़ी” — यानी सभी हथियार और सैनिक मिलकर तेजी से कार्य कर सकें।
🐺 भैरव बटालियन: घातक और अदृश्य कमांडो यूनिट
भैरव लाइट कमांडो बटालियन एक अत्याधुनिक स्पेशल फोर्स यूनिट होगी, जिसे खासतौर पर दुश्मन के इलाके में छुपकर हमले करने और टैक्टिकल ऑपरेशन के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी खास विशेषताएं:
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हाई-इम्पैक्ट मिशनों के लिए कस्टमाइज्ड एडवांस टेक्नोलॉजी
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दुश्मन के इलाकों में घुसपैठ, पिनपॉइंट ऑपरेशन और टारगेट एलिमिनेशन
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कम संख्या में अधिक प्रभावशाली ऑपरेशन की क्षमता
यह यूनिट चीन और पाकिस्तान जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया और प्रतिघात मिशनों में बेहद प्रभावी साबित होगी।
⚔️ हथियारों में हो रहा है अत्याधुनिक परिवर्तन
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस मौके पर यह भी बताया कि सेना में बड़े स्तर पर आधुनिकीकरण हो रहा है:
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इन्फैंट्री बटालियनों को अब ड्रोन प्लाटून के साथ तैनात किया जा रहा है।
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आर्टिलरी यूनिट्स को ‘दिव्यस्त्र’ बैटरियों और लोइटरिंग म्यूनिशन जैसे स्मार्ट हथियारों से लैस किया जा रहा है।
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ये तकनीकें सीमावर्ती क्षेत्रों में दुश्मन की हरकतों का तुरंत जवाब देने में सक्षम होंगी।
Army Chief announces ‘Rudra’ brigade, ‘Bhairav’ battalion on 26th Kargil Vijay Diwas
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— ANI Digital (@ani_digital) July 27, 2025
🛡️ क्यों ज़रूरी है यह बदलाव?
भारत को दो मोर्चों पर युद्ध के खतरे का सामना करना पड़ सकता है — पश्चिम में पाकिस्तान और उत्तर में चीन। ऐसे में सेना को तकनीकी रूप से सक्षम और रणनीतिक रूप से स्मार्ट बनाना ज़रूरी हो गया है।
‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियन’ का गठन इसी दिशा में एक रणनीतिक क्रांति है जो युद्ध की पारंपरिक अवधारणाओं को बदलकर तेज़, गुप्त और घातक हमलों की ओर ले जाएगी।
इन दो नई सैन्य इकाइयों के साथ भारत की सुरक्षा शक्ति पहले से कहीं ज्यादा संगठित, लचीली और घातक हो गई है। आने वाले वर्षों में ये यूनिट्स न केवल भारत की सीमाओं को मजबूत करेंगी, बल्कि शांति बनाए रखने में भी बड़ी भूमिका निभाएंगी।
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⚠️ (डिसक्लेमर):
इस लेख में दी गई जानकारी भारतीय सेना की हालिया घोषणाओं, रक्षा मंत्रालय के प्रेस नोट्स और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। हमारा उद्देश्य केवल जनहित में सूचना पहुंचाना है। युद्ध से संबंधित कोई भी रणनीतिक या गोपनीय जानकारी इस लेख में शामिल नहीं की गई है।