13 साल बाद मातोश्री में ऐतिहासिक मुलाकात: उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर पहुंचे राज ठाकरे, बदले महाराष्ट्र के सियासी सुर
मुंबई | 27 जुलाई 2025 — महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर से करवट ले रही है और इस बार केंद्र में हैं ठाकरे परिवार के दो प्रमुख चेहरे—उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे। 13 सालों के लंबे अंतराल के बाद राज ठाकरे आज अचानक मातोश्री पहुंचे और उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।
यह मुलाकात केवल पारिवारिक औपचारिकता नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेतों से भरी हुई एक बड़ी खबर बन चुकी है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
मातोश्री में भावनाओं और संभावनाओं की गूंज
साल 2012 के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब राज ठाकरे, जो कि अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख हैं, मातोश्री आए। इस मुलाकात की अहमियत इसलिए और भी बढ़ जाती है क्योंकि हाल ही में, 5 जुलाई 2025 को आयोजित “विजय रैली” में दोनों नेता मराठी अस्मिता के मुद्दे पर एक मंच पर आए थे — लगभग 20 साल बाद।
2006 की दूरी से 2025 की नज़दीकी तक का सफर
साल 2006 में जब राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर MNS की स्थापना की थी, तब से दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक और पारिवारिक दूरी जगजाहिर रही। लेकिन अब 2025 में ऐसा लग रहा है कि ठाकरे परिवार की दरार भरने लगी है।
“विजय रैली” में उद्धव ठाकरे ने कहा था:
“अनाज आधारित पंचायतों ने हमारे बीच की खाई को पाट दिया है, हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं।”
वहीं राज ठाकरे का जवाब था:
“महाराष्ट्र किसी भी झगड़े या विवाद से बड़ा है।”
इन बयानों से यह संकेत मिलना शुरू हो गया था कि ठाकरे परिवार के दोनों धड़े एक बार फिर एकजुट हो सकते हैं।
क्या बीएमसी चुनाव में साथ उतरेंगे दोनों ठाकरे?
आज की मुलाकात के बाद इस सवाल ने और ज़ोर पकड़ लिया है कि क्या आगामी बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) चुनाव में राज और उद्धव ठाकरे मिलकर मैदान में उतरेंगे?
पिछले कुछ वर्षों में शिवसेना (उद्धव गुट) और MNS दोनों की राजनीतिक ताकत में गिरावट देखी गई है। ऐसे में यदि दोनों ठाकरे साथ आते हैं, तो यह गठबंधन मराठी मतदाताओं के लिए भावनात्मक और राजनीतिक रूप से बेहद प्रभावशाली साबित हो सकता है।
राजनीति से परे एक परिवार की तस्वीर
यह मुलाकात केवल राजनीति तक सीमित नहीं है। यह एक परिवार की बर्फ पिघलने की कहानी भी है — दो चचेरे भाई, जो कभी एक साथ खड़े होकर महाराष्ट्र की सियासत में आग उगलते थे, आज फिर से एक-दूसरे के करीब आते दिख रहे हैं।
आगे क्या?
क्या यह महज़ एक औपचारिकता थी या आने वाले चुनावों की तैयारी का हिस्सा?
क्या यह रेखाएं भविष्य में एक नया गठबंधन बनाएंगी?
या यह सिर्फ जन्मदिन की शुभकामनाएं थीं और कुछ नहीं?
इन सवालों के जवाब फिलहाल भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन इतना तय है कि महाराष्ट्र की राजनीति अब पहले जैसी नहीं रहेगी।
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(डिसक्लेमर/अस्वीकरण)
इस लेख को विभिन्न समाचार रिपोर्ट्स और राजनीतिक विश्लेषणों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें व्यक्त विचारों और अनुमानों की पुष्टि TV10 Network द्वारा नहीं की जाती। हमारा उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। कृपया किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले स्वविवेक का प्रयोग करें। यदि आप कोई सुझाव, जानकारी या लेख भेजना चाहते हैं, तो हमें info@tvtennetwork.com पर मेल करें या 7068666140 पर WhatsApp करें। आपका सहयोग हमें प्रेरणा देता है।