📌 भूमिका
भारत में आयकर कानून को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम आज उठाया जाने वाला है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में संशोधित इनकम टैक्स बिल 2025 पेश करेंगी। यह विधेयक 13 फरवरी 2025 को पेश किए गए पुराने ड्राफ्ट की जगह लेगा और 1961 से लागू पुराने आयकर कानून को पूरी तरह समाप्त करेगा।
नए बिल में लोकसभा की सिलेक्शन कमेटी की सिफारिशों और जनता से मिले फीडबैक को शामिल किया गया है। सरकार का दावा है कि यह बिल न सिर्फ आसान भाषा में होगा, बल्कि टैक्सपेयर फ्रेंडली भी होगा।
📅 पुराने बिल की वापसी और नया ड्राफ्ट
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फरवरी 2025 में जो ओरिजिनल इनकम टैक्स बिल पेश किया गया था, उसे लोकसभा से वापस ले लिया गया था।
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सरकार का कहना था कि बिल को और आसान बनाने, तकनीकी त्रुटियों को सुधारने और भाषा को सरल करने की आवश्यकता है।
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सिलेक्शन कमेटी की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए एक अपडेटेड और फाइनल वर्जन तैयार किया गया है, जिसे आज पेश किया जाएगा।
🗣️ सरकार और मंत्रियों के बयान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा—
“नए बिल में तकनीकी सुधार, आसान शब्द, और बेहतर क्रॉस-रेफरेंसिंग शामिल की गई है ताकि हर कोई आसानी से इसे समझ सके।”
केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आलोचनाओं पर जवाब देते हुए स्पष्ट किया—
“पहला वाला विधेयक बेकार नहीं गया है। नए बिल में हर किसी की मेहनत और सुझाव की झलक देखने को मिलेगी। यह संसद के लिए विचार और पारित करने में आसान होगा।”
📑 सिलेक्शन कमेटी की प्रमुख सिफारिशें
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लेट ITR पर रिफंड का प्रावधान – देरी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर भी बिना पेनाल्टी के टैक्सपेयर्स को रिफंड का दावा करने की अनुमति।
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नोटिस से पहले जवाबों पर विचार – टैक्स अधिकारियों को कार्रवाई शुरू करने से पहले टैक्सपेयर्स के जवाबों को गंभीरता से लेने का आदेश।
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धार्मिक और परमार्थ ट्रस्टों को राहत – ऐसे ट्रस्ट जो धार्मिक व सामाजिक उद्देश्यों के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें गुप्त दान पर पूरी कर छूट।
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डिजिटल-फर्स्ट टैक्स सिस्टम – मॉर्डन, डिजिटल और फेसलेस असेस्मेंट सिस्टम, जिससे टैक्स अनुपालन आसान हो और भ्रष्टाचार कम हो।
💡 नए बिल की खासियतें
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सरल भाषा और आसान प्रावधान
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टैक्सपेयर फ्रेंडली प्रक्रिया
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पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त मूल्यांकन
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तकनीकी त्रुटियों का समाधान
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डिजिटलाइजेशन पर जोर
📍 क्यों है यह बिल अहम?
1961 से लागू पुराना आयकर कानून जटिल और कई बार अस्पष्ट माना जाता रहा है।
इस नए बिल के जरिए सरकार—
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टैक्स फाइलिंग को आसान
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कानूनी भाषा को साधारण
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ट्रस्ट और दान से जुड़े प्रावधानों में स्पष्टता
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टैक्स विभाग की पारदर्शिता
को बढ़ावा देना चाहती है।
🏛️ आज लोकसभा में अगला कदम
आज जब यह बिल लोकसभा में पेश होगा, तो इसके बाद—
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इस पर चर्चा
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संशोधनों पर बहस
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और अंत में पारित होने की प्रक्रिया शुरू होगी।
अगर यह बिल पास हो जाता है, तो भारत का टैक्स सिस्टम 64 साल बाद एक नए कानून के तहत संचालित होगा।
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(डिसक्लेमर): इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सरकारी बयानों पर आधारित है। हम इसकी 100% सटीकता की गारंटी नहीं देते। टैक्स से जुड़े निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें।