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Jhansi News : मुठभेड़ में एक और लुटेरा घायल, सोने का हार, नकदी व तमंचा बरामद

झांसी। – झांसी में अपराध पर नकेल कसने के लिए लगातार सक्रिय स्वाट टीम और बरुआसागर थाना पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। बीते दिनों मऊरानीपुर राजमार्ग पर दंपत्ति से लूटपाट करने वाले शातिर लुटेरे का देर रात पुलिस से आमना-सामना हो गया। इस मुठभेड़ में आरोपी के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया। मौके से नकदी, सोने का हार, तमंचा व चोरी की बाइक बरामद की गई है।

बताया जा रहा है कि 7/8 जुलाई की रात कुछ बदमाशों ने दंपत्ति से तमंचे की नोक पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इस सनसनीखेज वारदात के खुलासे में लगी स्वाट टीमबरुआसागर थाना पुलिस ने पहले ही दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था।

हालांकि, इस लूटकांड का एक आरोपी फरार चल रहा था। इस आरोपी की तलाश में पुलिस टीमें लगातार लगी हुई थीं। गुरुवार की देर रात पुलिस को सूचना मिली कि फरार आरोपी बरुआसागर के ग्राम तेंदौल के जंगलों में छिपा है।

टीम के पहुंचते ही बाइक सवार बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक गोली लुटेरे के पैर में जा लगी और वह घायल हो गया।

गिरफ्तार बदमाश की पहचान एरच थाना क्षेत्र के ग्राम बमौर निवासी विनय पांचाल के रूप में हुई है। उसके कब्जे से

  • एक सोने का हार

  • ₹1900 नकद

  • तमंचा और कारतूस

  • और चोरी की बाइक बरामद की गई है।

इसके अलावा पुलिस ने एक बाल अपचारी किशोर को भी पकड़ा है, जो लुटेरों को घटनाओं की सूचना देकर उनकी मदद करता था।

एसएसपी के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई से साफ है कि झांसी पुलिस अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं है।

पुलिस ने घायल लुटेरे को उपचार के लिए जिला अस्पताल भिजवाया और आगे की कार्रवाई की जा रही है।


झांसी पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि कानून के खिलाफ जाने वालों की कोई जगह नहीं। यह मुठभेड़ अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है।


रिपोर्ट – राहुल कोष्टा – 7052014871

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"