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Kalashtami 2025 : तिथि, पूजा विधि और दान से जुड़े विशेष उपाय

कालाष्टमी भगवान काल भैरव की उपासना का प्रमुख पर्व है, जो हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन शिव के रौद्र रूप “काल भैरव” को समर्पित होता है। भक्त इस दिन विशेष पूजा, व्रत और दान के माध्यम से काल भैरव की कृपा पाने का प्रयास करते हैं।

काल भैरव को “समय के देवता” माना गया है। मान्यता है कि इनकी पूजा से जीवन के सभी संकट, शत्रु बाधाएं, भय और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती हैं। इसके साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।


📅 कालाष्टमी 2025 की तिथि और पूजा मुहूर्त
  • तिथि शुरू: 18 जून 2025, दोपहर 01:34 बजे

  • तिथि समाप्त: 19 जून 2025, दोपहर 11:55 बजे

  • निशा काल पूजा मुहूर्त: 18 जून की रात 11:59 बजे से 12:39 बजे तक

  • वार: बुधवार

  • मास: आषाढ़ कृष्ण अष्टमी

निशा काल (रात्रि समय) में की गई भैरव पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह काल भैरव का प्रमुख काल होता है।


🛕 कालाष्टमी का आध्यात्मिक महत्व

काल भैरव की पूजा से:

  • जीवन से भय, भूत-प्रेत बाधाएं, कर्ज, और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

  • यह पूजा शनि दोष, राहु-केतु के प्रभाव, और पितृ दोष को भी शांत करती है।

  • भैरव बाबा की कृपा से जीवन में न्याय, बल, और दृढ़ता आती है।

  • जो लोग रात्रिकालीन कार्य, सुरक्षा सेवा, या न्यायिक सेवा में हैं, उनके लिए यह पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है।


🎁 कालाष्टमी पर करें ये विशेष दान (दान की सूची और लाभ)
1. 🛢️ सरसों का तेल

शनि देव और काल भैरव दोनों को सरसों का तेल अति प्रिय है।
इसे दान करने से शनि की महादशा शांत होती है और रोग-शोक दूर होते हैं।
दान किसे करें: गरीब व्यक्ति, भैरव मंदिर, शनि मंदिर

2. ⚫ काले तिल

काले तिल का संबंध राहु, केतु और पितृ दोष से है।
इसका दान करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और पितरों की शांति मिलती है।
विधि: तिल-गुड़ लड्डू बनाकर मंदिर या ब्राह्मण को दान करें।

3. 🫘 उड़द की दाल

उड़द की दाल शनि और काल भैरव से जुड़ी है।
यह कर्म दोष नाशक मानी जाती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।
उपयोग: उड़द के वड़े या खिचड़ी बनाकर गरीबों को खिलाएं।

4. 🧣 काले या नीले वस्त्र / कंबल

काला और नीला रंग भैरव जी को अत्यंत प्रिय है।
इन वस्त्रों का दान करने से नज़र दोष, टोटका, और शत्रु बाधा समाप्त होती है।
दान किसे करें: ज़रूरतमंद, बेघर या वृद्ध आश्रम में

5. 🍬 गुड़ और चना

यह काल भैरव का प्रिय भोग माना जाता है।
इसे दान करने से धन लाभ, संतान सुख, और परिवारिक शांति मिलती है।

6. 🍋 नींबू और सिक्के का टोटका

एक नींबू और कुछ सिक्कों को लेकर रात में किसी चौराहे पर रख दें – बिना पीछे देखे।
यह एक शक्तिशाली नकारात्मक ऊर्जा हटाने का उपाय माना जाता है।
⚠️ यह उपाय किसी जानकार की सलाह से करें।

7. 🐶 काले कुत्ते को भोजन कराएं

काल भैरव का वाहन काला कुत्ता होता है।
इस दिन उसे दूध, रोटी, मीठा या बिस्किट खिलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
यह उपाय जीवन से भय, रोग, और शत्रुओं की बाधा को दूर करता है।


📜 कालाष्टमी पूजा विधि (संक्षिप्त में)
  1. सूर्योदय से पहले स्नान करें और साफ काले वस्त्र पहनें।

  2. भैरव बाबा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाएं।

  3. सरसों का तेल, उड़द, तिल, गुड़, चना, नींबू, और काले फूल अर्पित करें।

  4. “काल भैरव अष्टकम्”, “भैरव चालीसा” या “ॐ भैरवाय नमः” मंत्र का जप करें।

  5. रात्रि में निशा काल के दौरान विशेष ध्यान और पूजा करें।


✅ कालाष्टमी के लाभ
  • भयमुक्त जीवन

  • आर्थिक समस्याओं से मुक्ति

  • मानसिक शांति और स्थिरता

  • शत्रु बाधा और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा

  • संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि


🔚 निष्कर्ष

कालाष्टमी 2025 का पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा, साहस और भैरव बाबा की विशेष कृपा लेकर आ सकता है। इस दिन की गई पूजा, व्रत और दान आपके जीवन की कई बाधाओं को दूर कर सकती है। अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में सफलता, सुरक्षा और शक्ति बनी रहे, तो 18 जून 2025 को भैरव बाबा का स्मरण और सच्चे मन से उपासना अवश्य करें।


विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"