झरनापति धाम में श्रावण मास 2025 का भव्य आयोजन
समाचार हमारी झाँसी

झरनापति मंदिर में सावन 2025 पर एक माह तक धार्मिक आयोजन, 10 जुलाई को निकलेगी भव्य शोभा यात्रा

🌺🔱 श्रावण महोत्सव की झलकियाँ – झरनापति धाम पर शुरू होगी आध्यात्मिक साधना की गूंज 🔱🌺
📍 स्थान – श्री 1008 झरनापति धाम, झाँसी


721 घंटे जाप और शिवलिंग निर्माण का कार्यक्रम

🗓️ शुभारंभ – 10 जुलाई को निकलेगी भव्य कलश शोभायात्रा
🚩 15 वर्षों से चल रही परंपरा इस बार और भी भव्य रूप में देखने को मिलेगी।

🛕 झरनापति मंदिर में इस वर्ष भी श्रावण मास के पावन अवसर पर एक माह तक धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आरंभ होने जा रही है। मंदिर के पुजारी पं. बलवीर रावत ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि:

📌 10 जुलाई को शाम 4 बजे से कलश यात्रा मंदिर परिसर से निकलेगी।
📍 यात्रा मार्ग: मिनर्वा चौराहा → रानीमहल → मानिक चौक → कोतवाली → पंचकुइया माता मंदिर → जिला अस्पताल के पीछे → मंदिर परिसर वापसी
👥 सैकड़ों श्रद्धालु महिला व पुरुष भक्ति के स्वर के साथ भाग लेंगे।


🕉️ 11 जुलाई से आरंभ होगा विशेष शिव पूजन और जाप यज्ञ
🔸 असंख्य शिवलिंग निर्माण
🔸 721 घंटे तक “ॐ नमः शिवाय” महामंत्र का अनवरत जाप
📅 पूर्णाहुति – 9 अगस्त

📿 यह आयोजन भक्तों के मनोबल, स्वास्थ्य, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए समर्पित होगा।


🍲 12 अगस्त को विशाल भंडारे का आयोजन
🥣 भक्तों के लिए प्रसाद वितरण और महाभोज
🙏 सभी भक्तगण आमंत्रित हैं – “हर हर महादेव” के उद्घोष के साथ!


👥 उपस्थित गणमान्य:

  • संयोजक: आनंद साहू

  • गोपाल नैनवाली

  • मुकेश साहू

  • एडवोकेट मुकेश सिंघल

  • मंदिर समिति के पदाधिकारीगण

📣 पुजारी पं. बलवीर रावत ने कहा –

“श्रावण मास में की गई भक्ति से शिव कृपा सहज मिलती है। हमारा उद्देश्य पूरे शहर को इस माह शिवमय बनाना है।”


🔔 विशेष अनुरोध:
👉 सभी श्रद्धालु समय पर पधारें
👉 अनुशासन, स्वच्छता और श्रद्धा बनाए रखें
👉 महिलाओं के लिए विशेष प्रबंध


💬 “श्रावण में शिव आराधना से मिलती है शांति, शक्ति और समाधान।”
🌿 हर हर महादेव! 🌿

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"