झांसी की जिया यादव बनी भारतीय टीम का हिस्सा,
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झांसी की नन्हीं जलपरी ‘जिया यादव’ को भारतीय यूथ स्विमिंग टीम में मिला स्थान, अब एशियन यूथ गेम्स में लहराएंगी तिरंगा

झांसी की नन्हीं जलपरी ‘जिया यादव’ का अंतरराष्ट्रीय जल में डंका

झांसी, वीरांगना लक्ष्मीबाई की धरती, हमेशा से बहादुरी और प्रेरणा की मिसाल रही है। इसी मिट्टी से निकली एक और चमकती हुई प्रतिभा है — 15 वर्षीय जिया यादव, जो अब भारतीय यूथ स्विमिंग टीम का हिस्सा बन चुकी हैं। यह गौरवपूर्ण क्षण तब आया जब जिया का चयन बहरीन में होने वाले ‘एशियन यूथ गेम्स 2025’ के लिए किया गया, जो 23 से 27 अक्टूबर तक आयोजित होगा।

🏊‍♀️ ग्रुप A कैटेगरी में दिखाएंगी दम

जिया ग्रुप A (15 से 17 वर्ष) आयु वर्ग की 50 मीटर और 100 मीटर बैक स्ट्रोक स्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। वह भारत के लिए मेडल जीतने का सपना लेकर मैदान में उतरेंगी।


🥇 स्वर्ण पदकों से सजी झोली

जिया ने पिछले कुछ वर्षों में सब-जूनियर और जूनियर स्तर पर राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिताओं में कई स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उनका अब तक का प्रदर्शन इतना दमदार रहा है कि उन्हें भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया।


🏡 छोटे शहर से बड़ी उड़ान

जिया का सफर किसी प्रेरणा कथा से कम नहीं है। वह झांसी के हंसारी इलाके की रहने वाली हैं और एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता विजय यादव स्थानीय दुग्ध डेरी चलाते हैं और सीमित संसाधनों के बावजूद बेटी के सपनों को पंख दिए हैं।

⛲ सिर्फ 15 मीटर के स्विमिंग पूल से शुरुआत

झांसी जैसे छोटे शहर में सिर्फ 15 मीटर के स्विमिंग पूल से शुरुआत करने वाली जिया ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से खुद को इस मुकाम तक पहुंचाया, जहाँ से अब वह देश का नाम रोशन करने निकल पड़ी हैं।


🎓 SFI Glenmark Academy से ट्रेनिंग

जिया को उनकी प्रतिभा को निखारने का मौका मिला जब उत्तर प्रदेश स्विमिंग एसोसिएशन के सचिव शिवम कपूर ने उन्हें नई दिल्ली स्थित SFI Glenmark Swimming Academy में दाखिला दिलवाया। यहाँ उन्हें प्रशिक्षक पार्थ मजूमदार से राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग मिल रही है।


📵 सोशल मीडिया से दूर, फोकस सिर्फ खेल पर

जिया का यह भी कहना है कि वह शुरू से ही सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखती हैं ताकि उनका ध्यान सिर्फ खेल पर बना रहे। यह समर्पण ही उनकी सफलता की असली चाभी है।


झांसी की जिया यादव बनी भारतीय टीम का हिस्सा,

🗣 “देश के लिए खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है”

 जिया ने कहा,

“भारत देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है। मैं अपने माता-पिता, कोच और शुभचिंतकों की आभारी हूं जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया। अब मेरा सपना है कि मैं देश के लिए पदक जीतूं और ओलंपिक में भी हिस्सा लूं।”


एशियन यूथ गेम्स में झांसी की बेटी का जलवा

👨‍👩‍👧 माता-पिता का फक्र से भरा चेहरा

जिया के माता-पिता ने अपनी बेटी की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा,

“हमारे लिए यह सबसे गौरवपूर्ण पल है। हम चाहते हैं कि हमारी बेटी एशियन यूथ गेम्स में देश का परचम लहराए और एक दिन ओलंपिक में गोल्ड लेकर आए।”


medal of jia yadav

🎉 बुंदेलखंड का नाम किया रोशन

जिया का यह सफर न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे बुंदेलखंड और झांसी शहर के लिए गर्व का विषय है। वह लाखों बेटियों के लिए मिसाल हैं कि संसाधन चाहे जितने सीमित हों, हौसला बुलंद हो तो हर सपना साकार हो सकता है।


जिया यादव की यह उपलब्धि सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र और देश के लिए एक प्रेरणा है। ऐसी बेटियां ही असल में नए भारत की पहचान हैं — जो संघर्षों को पार कर विश्व मंच पर अपनी चमक छोड़ती हैं।


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(डिसक्लेमर)

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विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"