ईरान का Fordow Nuclear Facility एक अति–सुरक्षित भूमिगत यूरेनियम संवर्धन केंद्र है, जो तेहरान से लगभग 90 किलोमीटर दूर पहाड़ियों के अंदर स्थित है। 2019 में अमेरिका के JCPOA (Joint Comprehensive Plan of Action) समझौते से हटने के बाद से ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज़ कर दिया है।
क्या हुआ?
नवीनतम सैटेलाइट इमेजरी (Maxar Technologies द्वारा) में दिखा कि फारदो साइट के पास विस्फोटों से सुरंगों के प्रवेशद्वार को नुकसान पहुँचा है। 29 जून 2025 को लिए गए चित्रों में मशीनरी, भारी क्रेन, और निर्माण कार्य देखा गया — जो संकेत देता है कि हाल ही में वहाँ कोई गंभीर हमला हुआ है।
किसने किया हमला?
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका और इज़राइल ने यह संयुक्त हमला किया। दोनों देशों का दावा है कि यह हमला ईरान के हथियार-उन्मुख न्यूक्लियर प्रोग्राम को धीमा करने के लिए था। हालांकि आधिकारिक रूप से ईरान ने इसे “एक सामान्य संरचनात्मक कार्य” कहकर टाल दिया।
ईरान की प्रतिक्रिया:
ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को बताया कि उनका परमाणु कार्यक्रम केवल ऊर्जा उत्पादन और चिकित्सा अनुसंधान के लिए है। उन्होंने अमेरिका और इज़राइल पर “सैन्य आक्रामकता और साइबर युद्ध” का आरोप लगाया।
क्या असर होगा?
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मध्य एशिया में तनाव बढ़ सकता है, खासकर लेबनान, सीरिया और यमन जैसे क्षेत्रों में।
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तेल की कीमतें फिर से उछल सकती हैं क्योंकि फारस की खाड़ी में सुरक्षा जोखिम बढ़ रहा है।
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अमेरिका और रूस के बीच परमाणु नीति पर वैश्विक चर्चा और तेज होगी।
विश्लेषण:
इस तरह के हमले कूटनीतिक समाधान की संभावनाओं को और जटिल बना देते हैं। खासकर उस समय जब अमेरिका में चुनाव नजदीक हैं और नेतन्याहू सरकार पहले से ही घरेलू विरोध झेल रही है।