Chhangur Baba Network in India and UAE: छांगुर बाबा पर ईडी का शिकंजा: 60 करोड़ की बेनामी संपत्ति और दुबई कनेक्शन का बड़ा खुलासा
बलरामपुर/लखनऊ/मुंबई: धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट के कथित मास्टरमाइंड छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन शाह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 को देशभर के 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इन छापों में ईडी को कई ऐसे दस्तावेज और सबूत मिले हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि छांगुर बाबा एक संगठित नेटवर्क के जरिए अवैध रूप से संपत्तियों का मालिक बना, धर्मांतरण को बढ़ावा दिया और दुबई जैसे अंतरराष्ट्रीय ठिकानों के जरिए धन की हेराफेरी की।
करीबी रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति और बेनामी सौदे
ईडी की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा ने जिन संपत्तियों में पैसा लगाया, वे सीधे उनके नाम पर नहीं हैं, बल्कि नवीन रोहरा और नीतू रोहरा जैसे उनके करीबी सहयोगियों के नाम पर दर्ज हैं। यह पूरी साजिश बेनामी संपत्ति कानून से बचने और धन के असली स्रोत को छुपाने के लिए रची गई थी।
ईडी ने बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई के ठिकानों से प्राप्त दस्तावेजों की जांच की, जिनमें दिखाया गया है कि छांगुर बाबा ने करोड़ों की अचल संपत्तियों का निर्माण और क्रय किया। खास बात यह रही कि इन संपत्तियों को खरीदने के लिए जिन लेन-देन का सहारा लिया गया, वे पूरी तरह से नकली पावर ऑफ अटॉर्नी, बोगस कंपनियों और ट्रांजेक्शन रूट्स के जरिए किए गए थे।
दुबई कनेक्शन और विदेशी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि छांगुर बाबा का दुबई स्थित दो कंपनियों — कृष्णा इंटरनेशनल FZE और यूनाइटेड मरीन FZE — से सीधा संबंध था। इन कंपनियों के माध्यम से फॉरेन करंसी में संदिग्ध तरीके से बड़ा लेन-देन हुआ है। इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI), हबीब बैंक AG ज्यूरिख और RAK इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (UAE) में खोले गए खातों का इस्तेमाल किया गया।
इन खातों के जरिए अरबों रुपये के फंड को भारत में स्थानांतरित कर अचल संपत्तियों और अन्य व्यापारिक गतिविधियों में निवेश किया गया। यह स्पष्ट रूप से ब्लैक मनी को व्हाइट करने की प्रक्रिया थी, जिसे ‘लेयरिंग’ के माध्यम से छिपाया गया।
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी और आस्वी हॉस्पिटल से संबंध
ईडी को लखनऊ स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से प्राप्त एक रिपोर्ट में यह संकेत मिले कि बलरामपुर में स्थित आस्वी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया गया। इस अस्पताल की स्ट्रक्चरल वायबिलिटी रिपोर्ट में वित्तीय असमानताओं के संकेत मिले हैं।
मुंबई के सौदों में भी गड़बड़झाला
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि मुंबई के वसई और कुर्ला जैसे क्षेत्रों में संपत्ति सौदों को बेनामी तौर पर अंजाम दिया गया। उदाहरण के तौर पर वसई SRO में दर्ज Sale Deed No. 111/2012 और मुंबई कुर्ला-II में Sale Deed No. 7212/2016 छांगुर बाबा के पक्ष में दर्ज हैं, लेकिन असली मालिकाना हक को कई परतों में छिपाया गया।
बांद्रा, महीम और कनकिया पैरिस प्रोजेक्ट की संपत्तियां
छांगुर बाबा के करीबी शहजाद शेख के बांद्रा (ईस्ट) स्थित कनकिया पैरिस प्रोजेक्ट में पत्नी के नाम पर फ्लैट, और महीम स्थित फ्लैट जिसमें शेख की बहन रहती है, उन पर भी ईडी की नजर है। शेख के बैंक अकाउंट से नवीन रोहरा द्वारा 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाने के प्रमाण मिले हैं। उसे लखनऊ ईडी कार्यालय में अगले सप्ताह तलब किया गया है।
धर्मांतरण का नेटवर्क और चांद औलिया दरगाह का कनेक्शन
जांच के अनुसार बलरामपुर स्थित चांद औलिया दरगाह धर्मांतरण के केंद्र के रूप में इस्तेमाल की जा रही थी। छांगुर बाबा और उसके सहयोगी कमजोर वर्गों के हिंदुओं को आर्थिक और आध्यात्मिक सहायता के नाम पर इस्लाम कबूल कराने के लिए प्रेरित कर रहे थे। कई मामलों में विदेशी नागरिकों की संलिप्तता भी सामने आई है।
निष्कर्ष
ईडी की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि छांगुर बाबा का जाल सिर्फ धार्मिक प्रचार तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक संगठित मनी लॉन्ड्रिंग और धर्मांतरण रैकेट था, जिसका संचालन भारत और विदेश दोनों में किया जा रहा था। आने वाले दिनों में यह जांच और भी गहराई तक जा सकती है, जिसमें और नामों का खुलासा संभव है।
(डिसक्लेमर): यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित है। TV10 Network इन तथ्यों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता है। किसी भी दावे को अंतिम सत्य मानने से पहले संबंधित प्राधिकरण या विशेषज्ञ की पुष्टि ज़रूरी है।