🔹 11वीं – 17वीं शताब्दी | चंदेल वंश का प्रभुत्व झांसी का क्षेत्र उस समय बलवंत नगर के नाम से जाना जाता था। इस दौरान चंदेल वंश का शासन रहा, जिन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र में कई किले और मंदिर बनवाए। यह किला एक प्राचीन गढ़ी या चौकी के रूप में कार्य करता था, जिसका उद्देश्य सुरक्षा […]
झाँसी की धरोहर
Rani Laxmi Bai Death Anniversary 18 June : झांसी की रानी का अमर बलिदान और प्रेरक गाथा
“चमक उठी सन सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी,बुंदेलों हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झांसी वाली रानी थी।” भारत का स्वतंत्रता संग्राम कई वीरों और वीरांगनाओं की अद्भुत कहानियों से भरा हुआ है, लेकिन जब किसी महिला योद्धा की बात आती है, तो सबसे पहला नाम रानी लक्ष्मीबाई का […]
Rani Laxmibai balidan diwas : जानिए वो कौन अपना था जिसकी गद्दारी की वजह से झाँसी को झेलनी पड़ी थी हार
1857 का वर्ष भारतीय इतिहास का वह अध्याय है जिसे आज भी ‘भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम’ कहा जाता है। यह केवल एक विद्रोह नहीं था, यह उस गुलामी की जंजीरों को तोड़ने का पहला साहसिक प्रयास था, जिसने लाखों देशवासियों के दिलों में आज़ादी की चिंगारी सुलगाई। इस क्रांति की सबसे प्रखर, सबसे जाज्वल्यमान […]
🏰 धरोहर : झोकन बाग – जब झांसी की रानी ने दी अपनों को सजा
👑 रानी लक्ष्मीबाई — एक ऐसा नाम जो आज भी साहस और स्वाभिमान का प्रतीक है। लेकिन झांसी की धरती पर 1857 में एक ऐसी त्रासदी घटी, जिसने रानी के दिल को भी झकझोर दिया। यह कहानी है झोकन बाग की — एक जगह जहां शौर्य, बलिदान और वेदना तीनों की गूंज आज भी सुनाई […]
🏰 झाँसी की भीड़ में छुपा वीरान सितारा: रघुनाथ राव महल
🏰 रघुनाथ राव महल: झाँसी की वीरता, विलास और विरासत का गवाह जब झाँसी का नाम लिया जाता है, तो सबसे पहले दिमाग़ में दो छवियाँ उभरती हैं —👑 महारानी लक्ष्मीबाई और 🏑 हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद।लेकिन इन दो नामों से आगे भी झाँसी के पास सुनाने को बहुत कुछ है। इतिहास की उन्हीं […]
“झांसी किले का कलंक: ओरछा गेट – जहाँ से दूल्हा जु ने झाँसी के साथ किया था विश्वासघात
📰 धरोहर विशेष “झांसी किले का कलंक: ओरछा गेट से हुआ विश्वासघात, रानी लक्ष्मीबाई को मिली हार” 🏰 झांसी का किला: 1857 की क्रांति का मूक गवाह 1857 की क्रांति की बात हो और झांसी का जिक्र न आए — यह नामुमकिन है।ये वही ऐतिहासिक किला है, जहाँ रानी लक्ष्मीबाई ने महज़ 1200 सैनिकों के […]