🕉️ भारतीय इतिहास में आज – 2 जुलाई
हर दिन का अपना एक ऐतिहासिक महत्व होता है और 2 जुलाई भी भारतीय इतिहास में कई घटनाओं, महापुरुषों के जन्म और सांस्कृतिक उपलब्धियों के कारण एक विशेष स्थान रखता है। इस दिन ने भारत की राजनीति, समाज, शिक्षा और संस्कृति में अनेक बदलाव और प्रेरणादायक घटनाएं देखी हैं।
🔥 2 जुलाई को घटित प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं (भारतीय संदर्भ में):
📜 1. 1964 – जमशेदजी टाटा को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया
देश के महान उद्योगपति और ‘टाटा समूह’ के संस्थापक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा को 2 जुलाई 1964 को मरणोपरांत भारत रत्न से नवाज़ा गया। यह भारतीय उद्योग के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले पहले व्यक्ति थे जिन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा गया।
🏫 2. 1908 – बाल गंगाधर तिलक की गिरफ्तारी
2 जुलाई 1908 को ब्रिटिश सरकार ने क्रांतिकारी विचारों को हवा देने के आरोप में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को गिरफ्तार किया था। ‘केसरी’ और ‘मराठा’ अखबारों में उनके लेख ब्रिटिश शासन के विरुद्ध जनजागरण का कार्य करते थे।
3. 1972 – शिमला समझौता पर हस्ताक्षर
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के बाद 2 जुलाई 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने शिमला समझौता पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता युद्ध के बाद शांति स्थापना के लिए अहम कदम माना गया।
🎂 2 जुलाई को जन्मे भारतीय महापुरुष:
👨🎨 1. हरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय (1898)
भारतीय लेखक, कवि, स्वतंत्रता सेनानी और सांसद हरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय का जन्म 2 जुलाई 1898 को हुआ था। वे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के भाई थे और भारतीय रंगमंच तथा साहित्य में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
🧠 2. डॉ. विश्वेश्वरैया नायडू (1910)
कर्नाटक के प्रसिद्ध इंजीनियर और योजनाकार, जिन्होंने सिंचाई व्यवस्था और बांध निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया। हालांकि उनके जन्म के बारे में अलग-अलग तारीखें प्रचलित हैं, कुछ स्रोतों में 2 जुलाई भी दर्ज है।
🕯️ 2 जुलाई को भारत ने जिन विभूतियों को खोया:
🙏 डॉ. एच.एम. भाभा (1966)
हालाँकि उनकी मृत्यु 24 जनवरी को हुई थी, लेकिन 2 जुलाई को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में उनके सम्मान में पहली बार ‘भाभा डे’ मनाया गया था, जो उनके वैज्ञानिक योगदान का स्मरण है।
📚 2 जुलाई से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:
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राष्ट्रीय स्तर पर शिमला समझौता एक ऐसी घटना थी जिसने भारत-पाकिस्तान संबंधों को दिशा देने का कार्य किया। यह समझौता संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बिना द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से शांति स्थापित करने का संकल्प था।
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करगिल विजय अभियान के दौरान इस दिन ने निर्णायक भूमिका निभाई जब भारतीय सेना ने बड़ी संख्या में घुसपैठियों को पीछे खदेड़ दिया।
🙏 निष्कर्ष:
2 जुलाई का दिन भारतीय इतिहास में राजनीतिक, सैन्य और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, नेताओं की कूटनीतिक कुशलता और सैनिकों के अदम्य साहस की याद दिलाता है। हमें अपने अतीत से प्रेरणा लेकर वर्तमान को श्रेष्ठ बनाना चाहिए।