भारतीय इतिहास में आज का दिन – 4 जुलाई | Birth, Death & Events
📜 भारतीय इतिहास में आज का दिन – 4 जुलाई
हर दिन इतिहास में अपनी एक अलग पहचान रखता है। आज का दिन – 4 जुलाई – भारत के इतिहास में कई महान लोगों के जन्म, बलिदान और घटनाओं के कारण विशेष महत्व रखता है। यह दिन स्वतंत्रता सेनानियों की वीरगाथाओं, सांस्कृतिक स्मृतियों और राष्ट्रीय चेतना से जुड़ा हुआ है।
🎉 जन्मे महान व्यक्तित्व
1. अल्लूरी सीताराम राजू (1897 या 1898)
आंध्र प्रदेश में जन्मे यह महान क्रांतिकारी 1922 से 1924 तक चले ‘राम्पा विद्रोह’ के प्रमुख नेता रहे। इन्होंने आदिवासियों के अधिकारों के लिए अंग्रेज़ों से लोहा लिया। उन्हें ‘Manyam Veerudu’ (जंगल का वीर) कहा जाता है। उनकी वीरता और त्याग आज भी आदिवासी क्षेत्रों में प्रेरणा का स्रोत है।
2. गुलज़ारीलाल नन्दा (1898)
भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री रह चुके गुलज़ारीलाल नन्दा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था। उन्होंने श्रम और कल्याण मंत्री के रूप में भी सराहनीय योगदान दिया और योजना आयोग में सक्रिय भूमिका निभाई।
3. नसीम बानो (1916)
हिंदी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री और प्रसिद्ध अदाकारा सायरा बानो की मां, नसीम बानो का जन्म 4 जुलाई को हुआ था। वह 1940–50 के दशक की सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय अभिनेत्रियों में शुमार थीं।
⚰️ पुण्यतिथि
1. स्वामी विवेकानंद (1902)
आज ही के दिन महान सन्यासी, समाज सुधारक और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद ने अपने नश्वर शरीर का परित्याग किया था। उन्होंने भारत की संस्कृति को विश्वपटल पर स्थापित किया और 1893 के शिकागो धर्म महासभा में दिए गए अपने भाषण से सभी को चौंका दिया।
2. पिंगलि वेंकय्या (1963)
भारत के राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ के डिजाइनर पिंगलि वेंकय्या की भी आज पुण्यतिथि है। वह एक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और राष्ट्रभक्त थे जिन्होंने भारतीय तिरंगे को आकार देने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
3. भरत व्यास (1982)
हिंदी फिल्म जगत के प्रसिद्ध गीतकार भरत व्यास का निधन आज ही के दिन हुआ था। उन्होंने ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम’ और ‘धरती कहे पुकार के’ जैसे अनेक अमर गीतों की रचना की।
🏛️ ऐतिहासिक घटनाएँ
➤ 1729 – मराठा नौसेना प्रमुख कन्होजी आंगरे का निधन।
कन्होजी आंगरे को भारत की पहली संगठित नौसेना का निर्माता माना जाता है। उन्होंने अंग्रेज़ों और पुर्तगालियों की समुद्री ताकत को चुनौती दी।
➤ 1760 – मीर जाफर के पुत्र मिरान की बिजली गिरने से मृत्यु।
मीर जाफर बंगाल का नवाब बना था, लेकिन उसका पुत्र मिरान की अकाल मृत्यु ने उस कालखंड की राजनीति में उथल-पुथल ला दी थी।
➤ 1789 – ईस्ट इंडिया कंपनी, निज़ाम और पेशवा का टीपू सुल्तान के खिलाफ गठबंधन।
इस गठबंधन ने भारत में ब्रिटिश शासन को और सुदृढ़ किया और टीपू सुल्तान के शासन पर दबाव बढ़ाया।
➤ 1879 – स्वतंत्रता सेनानी बासुदेव बलवंत फड़के की गिरफ्तारी।
इन्होंने भारत में हथियारबंद विद्रोह की शुरुआत की और उन्हें ‘भारतीय क्रांति का जनक’ भी कहा जाता है।
➤ 1979 – कोलकाता का प्रसिद्ध विद्यासागर सेतु (हावड़ा ब्रिज 2) के निर्माण की शुरुआत।
यह पुल आधुनिक इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण है और हावड़ा और कोलकाता को जोड़ता है।
➤ 2001 – भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के बंदियों की रिहाई के निर्देश।
मानवाधिकार के क्षेत्र में भारत के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
4 जुलाई का दिन भारत के लिए प्रेरणा, बलिदान और निर्माण का प्रतीक है। स्वामी विवेकानंद जैसे संत और अल्लूरी सीताराम राजू जैसे क्रांतिकारियों की स्मृति हमें हर दिन यह याद दिलाती है कि हमारा इतिहास त्याग और वीरता से भरा हुआ है।