गुरु पूर्णिमा पर शुभ और अशुभ समय
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Aaj Ka Panchang: गुरु पूर्णिमा पर जानिए किस शुभ काल में करें पूजन, पढ़ें आज का पंचांग

📿 आज का पंचांग (10 जुलाई 2025, गुरुवार)

गुरु पूर्णिमा एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है जो ज्ञान, अध्यात्म और गुरुओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर होता है। इस दिन विशेष रूप से गुरु पूजा और व्यास पूजा की जाती है। आइए जानें आज के दिन का विस्तृत पंचांग और शुभ-अशुभ समय:

🗓️ पंचांग विवरण:

  • दिन: गुरुवार

  • तिथि: शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा)

  • नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा (रात्रि 09:38 बजे तक), इसके बाद उत्तराषाढ़ा

  • योग: इंद्र योग

  • करण: विष्टि (दोपहर 1:55 बजे तक), फिर बव

  • शक संवत: 1947 (विश्वावसु)

  • विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)

  • गुजराती संवत: 2081 (नल)

  • वैदिक ऋतु: ग्रीष्म

  • द्रिक ऋतु: वर्षा

  • पूर्णिमान्त माह: आषाढ़

  • अमांत माह: आषाढ़


🌄 सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त:

  • सूर्योदय: प्रातः 05:31 बजे

  • सूर्यास्त: सायं 07:22 बजे

  • चंद्रोदय: सायं 07:20 बजे

  • चंद्रास्त: चंद्रास्त नहीं

  • चंद्र राशि: धनु

  • सूर्य राशि: मिथुन

  • सूर्य नक्षत्र: पुनर्वसु


🛕 आज के व्रत एवं त्योहार:

  • गुरु पूर्णिमा / व्यास पूजा – गुरुओं की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने का श्रेष्ठ दिन

  • जयापार्वती व्रत आरंभ – अविवाहित कन्याओं के लिए शुभ

  • भौम प्रदोष व्रत – मंगलवार और प्रदोष के संयोग पर रखा जाने वाला व्रत (कालांतर प्रभाव)


✅ आज का शुभ मुहूर्त:

मुहूर्त समय
ब्रह्म मुहूर्त 04:10 – 04:50 प्रातः
अभिजीत मुहूर्त 11:59 – 12:54 दोपहर
गोधूलि मुहूर्त 07:21 – 07:41 सायं
विजय मुहूर्त 02:45 – 03:40 अपराह्न
सायाह्न संध्या 07:23 – 08:23 रात्रि
अमृत काल 11 जुलाई को 12:55 – 02:35 प्रातः
रवि योग 09 जुलाई को 03:15 – 05:30 प्रातः
प्रातः संध्या 04:29 – 05:30 प्रातः
सर्वार्थ सिद्धि योग 08 जुलाई को 05:29 – 01:11 दोपहर

🌼 विशेष सुझाव: गुरु पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि बेला श्रेष्ठ माने गए हैं।


❌ आज का अशुभ मुहूर्त:

अशुभ काल समय
राहुकाल 02:10 – 03:54 अपराह्न
गुलिक काल 12:26 – 02:10 अपराह्न
यमगण्ड काल 05:31 – 07:15 प्रातः
दुर्मुहूर्त 10:08 – 11:03 प्रातः, 03:40 – 04:36 अपराह्न
वर्ज्य काल 02:52 – 04:33 अपराह्न
भद्रा काल 05:31 – 01:55 दोपहर
गण्ड मूल पूरे दिन
आडल योग पूरे दिन
दिशा शूल दक्षिण दिशा (इस दिशा में यात्रा टालें)

🪔 गुरु पूर्णिमा पूजन विधि (संक्षेप में):

  1. प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र पहनें

  2. अपने गुरु (जीवित या दिवंगत) को मानसिक रूप से स्मरण करें

  3. उन्हें पुष्प, अक्षत, वस्त्र और फल अर्पित करें

  4. “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः…” मंत्र का जाप करें

  5. यथासंभव दान-पुण्य करें—वस्त्र, अन्न, पुस्तक आदि


🙏 निष्कर्ष:

गुरु पूर्णिमा के दिन यदि आप शुभ मुहूर्त में गुरु पूजन करते हैं तो इसका कई गुना पुण्य प्राप्त होता है। पंचांग की जानकारी के अनुसार अभिजीत मुहूर्त तथा गोधूलि बेला में पूजा करना अत्यंत फलदायक माना गया है। राहुकाल व अशुभ समय में पूजा या अन्य शुभ कार्यों से बचना चाहिए।


(डिसक्लेमर/अस्वीकरण): इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक ग्रंथों, पंचांगों, ज्योतिषीय गणनाओं एवं परंपराओं के आधार पर दी गई है। इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ या पंडित की सलाह अवश्य लें। लेखक या वेबसाइट किसी भी जानकारी की सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेती।

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"