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गुप्त नवरात्रि आज का दिन, गुप्त नवरात्रि पूजा विधि 2025, गुप्त नवरात्रि अष्टमी का महत्व

🌙 गुप्त नवरात्रि 2025 में आज कौन सा दिन है?

आज दिनांक 3 जुलाई 2025, गुरुवार है और यह गुप्त नवरात्रि का आठवां दिन यानी अष्टमी तिथि है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि की यह अष्टमी तांत्रिक दृष्टिकोण से अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती है।

गुप्त नवरात्रि का आरंभ 26 जून 2025 को घटस्थापना के साथ हुआ था और इसका समापन 4 जुलाई 2025 को नवमी पूजन एवं पारणा के साथ होगा। अष्टमी तिथि पर विशेष रूप से संधि पूजा का विशेष महत्व है जो दोपहर लगभग 1:42 बजे से 2:30 बजे तक की अवधि में की जाती है।


🔮 गुप्त नवरात्रि क्यों है विशेष?

गुप्त नवरात्रि का मुख्य उद्देश्य साधना, तप और शक्ति अर्जन है। इस दौरान देवी के दस महाविद्याओं की साधना की जाती है, जो योगियों और तांत्रिकों के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है।

  • यह नवरात्रि आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि साधकों के लिए होती है।

  • यहां सार्वजनिक उत्सव नहीं बल्कि गुप्त रूप से जप, ध्यान, मंत्र सिद्धि की प्रक्रिया होती है।

  • माना जाता है कि इस समय की गई साधना सीधे आत्मबल, आध्यात्मिक जागरण और सिद्धि की ओर ले जाती है।


📅 गुप्त नवरात्रि 2025 का दिनवार कैलेंडर

दिनांक तिथि देवी स्वरूप
26 जून प्रतिपदा शैलपुत्री
27 जून द्वितीया ब्रह्मचारिणी
28 जून तृतीया चंद्रघंटा
29 जून चतुर्थी कूष्मांडा
30 जून पंचमी स्कंदमाता
1 जुलाई षष्ठी कात्यायनी
2 जुलाई सप्तमी कालरात्रि
3 जुलाई अष्टमी महागौरी (संधि पूजा)
4 जुलाई नवमी सिद्धिदात्री + पारणा

🙏 महागौरी अष्टमी – पूजा विधि

अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा से शुद्धता, सौंदर्य और सिद्धि की प्राप्ति होती है। उनके स्वरूप को अत्यंत कोमल, शांत और दिव्य माना जाता है।

पूजा विधि:

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें (सफेद या गुलाबी रंग शुभ माना जाता है)।

  2. घर के पूजन स्थल पर देवी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

  3. मां को सफेद फूल, चावल, नारियल, दूर्वा, गंगाजल और मिठाई अर्पित करें।

  4. दीपक जलाएं और घंटी बजाकर ध्यान करें।

  5. महागौरी मंत्र:
    ॐ देवी महागौर्यै नमः
    का 108 बार जप करें।

  6. संधि पूजा दोपहर 1:42 से 2:30 तक अवश्य करें।


⚠️ गुप्त नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें

✔ करें:

  • नियमपूर्वक व्रत रखें

  • ध्यान, जप और साधना में मन लगाएं

  • सात्विक आहार लें और संयमित जीवनशैली अपनाएं

  • माता के मंत्रों का जप करें

❌ न करें:

  • व्रत में अनियमितता न करें

  • पूजा को सार्वजनिक रूप से न करें

  • क्रोध, अपवित्रता और आलस्य से बचें

  • निंदा या किसी का अपमान न करें


🕉️ महागौरी की महिमा

मां महागौरी को सच्चे मन से पूजने पर सभी पापों का नाश होता है। जीवन में सुख, समृद्धि, सौंदर्य, विवाह, और संतुलन प्राप्त होता है। ये मां दुर्गा की आठवीं शक्ति हैं जो अपने भक्तों को असीम ऊर्जा और शांति प्रदान करती हैं।

उनका स्वरूप श्वेत, गौरवर्ण, चंद्रमा के समान उज्ज्वल है। उन्हें सफेद वृषभ पर सवार दिखाया जाता है, और वे त्रिशूल, डमरू धारण करती हैं।


🌟 अंतिम दिन – नवमी का महत्व

4 जुलाई को सिद्धिदात्री देवी की पूजा के साथ गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। इस दिन पारणा कर व्रत का उद्यापन किया जाता है। इसे व्रत की पूर्णता और प्राप्त सिद्धियों के समर्पण का दिन माना जाता है।


⚠️ (स्वास्थ्य/धार्मिक श्रेणी हेतु विशेष अस्वीकरण)

डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक आस्था, पंचांग, पुराणों, जन-मान्यताओं और ज्योतिषीय सूत्रों पर आधारित है। हमने इस लेख को पूरी जानकारी व सावधानी के साथ तैयार किया है, फिर भी पाठक कृपया इसे केवल सूचना के उद्देश्य से ही लें। किसी भी उपाय, मंत्र या विधि का पालन करने से पहले व्यक्तिगत गुरुओं या विद्वानों से परामर्श लें। इस लेख में दी गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रभाव की जिम्मेदारी लेखक या प्रकाशक की नहीं होगी।

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"