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स्वास्थ

मानसून में सेहत का पूरा ख्याल ऐसे रखें : बरसात में क्या खाएं और क्या न खाएं

बरसात का मौसम जहां एक ओर भीषण गर्मी से राहत देता है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है। बारिश की नमी, वातावरण में बढ़ी हुई आर्द्रता, और बदलते तापमान से हमारी प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कमजोर हो सकती है, जिससे सर्दी-जुकाम, डायरिया, त्वचा संक्रमण, अपच, गैस, फूड पॉइज़निंग और वायरल बुखार जैसी समस्याएं सामान्य हो जाती हैं।

ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस मौसम में क्या खाना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए ताकि हम बीमार न पड़ें और अपनी सेहत को बरकरार रख सकें। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान दोनों ही मानसून में पाचन को प्राथमिकता देने की बात करते हैं।


बरसात में क्या खाएं?

🍲 1. हल्का, ताजा और सुपाच्य भोजन लें:

बरसात में भारी भोजन से बचें। हल्के और सुपाच्य खाद्य पदार्थ जैसे खिचड़ी, दलिया, मूंग की दाल, ओट्स, इडली और उपमा शरीर के लिए लाभकारी होते हैं। ये न सिर्फ पचने में आसान होते हैं, बल्कि पेट में गैस और अपच जैसी समस्याओं से भी बचाते हैं।

सब्जियों में लौकी, तोरी, टिंडा, परवल, करेला जैसी हरी सब्जियां फायदेमंद होती हैं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है और ये पाचन में सहायक हैं। इन्हें अच्छी तरह धोकर और पका कर खाना चाहिए।


🍋 2. विटामिन C से भरपूर चीजें लें:

नींबू, आंवला, संतरा, अमरूद, मौसंबी, टमाटर आदि में प्रचुर मात्रा में विटामिन C होता है जो इम्यूनिटी बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

आप चाहें तो एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर सुबह पी सकते हैं। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।


🌿 3. मसाले और औषधीय जड़ी-बूटियां:

इस मौसम में अदरक, हल्दी, काली मिर्च, दालचीनी, तुलसी और लौंग जैसे मसाले भोजन में शामिल करें। ये न केवल स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होते हैं।

हल्दी वाला दूध, तुलसी-अदरक की चाय और काली मिर्च वाला काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। ये शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं।


🍵 4. गुनगुना पानी और हर्बल टी:

बरसात में ठंडा पानी या बोतलबंद पेय पीने की बजाय गुनगुना या उबला हुआ पानी पिएं। इससे शरीर डिटॉक्स होता है और पाचन बेहतर होता है।

हर्बल टी, जैसे ग्रीन टी, तुलसी टी या अदरक वाली चाय इन्फेक्शन से बचाने में सहायक होती हैं और शरीर को स्फूर्ति देती हैं।


🍌 5. मौसमी फल और सूखे मेवे:

केला, पपीता, सेब, नाशपाती, अनार, चीकू जैसे मौसमी फल फाइबर, विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं। इन्हें खाने से पाचन बेहतर होता है और शरीर को जरूरी पोषण मिलता है।

बादाम, अखरोट, किशमिश और खजूर जैसे ड्राई फ्रूट्स इम्यूनिटी बूस्टर हैं। इन्हें रात में भिगोकर सुबह सेवन करना अधिक लाभकारी होता है।


बरसात में किन चीजों से बचें?

🍛 1. स्ट्रीट फूड और कटे फल:

बरसात में समोसा, चाट, पकौड़े, गोलगप्पे और खुले में बिकने वाले कटे हुए फल जीवाणु और वायरस के वाहक बन सकते हैं। इनमें संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है, इसलिए इन्हें खाने से बचें।


🧊 2. बासी और ठंडा भोजन:

बासी भोजन में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, खासकर इस मौसम में। फ्रिज में रखा पुराना खाना, बर्फ, कोल्ड ड्रिंक्स या आइसक्रीम जैसी चीजें पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इनसे बचना चाहिए।


🍤 3. मांसाहारी भोजन:

मछली, मटन, अंडा आदि जल्दी खराब हो सकते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ता है। यदि मांसाहार लेना ही हो तो ताजा और अच्छी तरह पका हुआ ही सेवन करें।


🧀 4. अत्यधिक तैलीय और मसालेदार खाना:

तेज मिर्च-मसाले, तला-भुना खाना जैसे पकोड़े, पूड़ी, पराठे आदि इस मौसम में अपच, गैस, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।


🛡️ स्वास्थ्य के लिए विशेष सुझाव:

  • भोजन से पहले और बाद में हाथ ज़रूर धोएं।

  • हमेशा ताजा, गर्म और स्वच्छ भोजन ही लें।

  • दिन में 8-10 गिलास गुनगुना पानी पिएं।

  • बाहर के खाने से यथासंभव बचें।

  • पत्तेदार सब्जियों और कच्चे सलाद को अच्छी तरह धोकर ही खाएं।

  • बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।


बरसात का मौसम प्रकृति की सुंदरता और सुकून लाता है, लेकिन इसी मौसम में थोड़ा सा लापरवाह होना भारी पड़ सकता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका स्वास्थ्य बना रहे, तो मौसम के अनुसार खानपान में बदलाव ज़रूरी है। हल्का, सुपाच्य और ताजा खाना ही इस मौसम में सबसे बड़ा रक्षक होता है।

आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही मानसून में ऐसी चीजें खाने की सलाह देते हैं जो शरीर को अंदर से मज़बूत बनाएँ और बाहरी संक्रमण से बचाएं। सही खानपान और थोड़ी सी सावधानी से आप इस बरसात को पूरी तरह से एन्जॉय कर सकते हैं – बिना बीमार हुए।

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"