japan h2a rocket
अंतर्राष्ट्रीय समाचार

आज की विश्व की 5 सबसे बड़ी खबरें – 29 जून 2025 | जापान रॉकेट मिशन, बुडापेस्ट प्राइड, यूरोपीय हीटवेव और बहुत कुछ

🚀 जापान का H‑2A रॉकेट: एक युग का समापन और नई शुरुआत

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टानैगाशिमा स्पेस सेंटर से रविवार को जापान ने H‑2A रॉकेट की 50वीं और अंतिम उड़ान सफलतापूर्वक लॉन्च की। इस मिशन ने GOSAT‑GW (Greenhouse Gases and Water Cycle Observer) उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया ।
यह उपग्रह वैश्विक जल चक्र, समुद्र की सतह के तापमान और ग्रीनहाउस गैसों—जैसे CO₂ और मीथेन—की निगरानी करेगा। इसके दो प्रमुख उपकरण हैं TANSO‑3 स्पेक्ट्रोमीटर और AMSR‑3 रेडियोमीटर, जो अत्यधिक रिज़ॉल्यूशन में डेटा एकत्र करेंगे, और अगले वर्ष से वैज्ञानिकों व मौसम एजेंसियों को उपलब्ध कराया जाएगा

H‑2A का सफ़लता दर लगभग 98% था—2001 में पहली उड़ान के बाद अब तक केवल एक असफल प्रयास हुआ। इस अंतिम उड़ान के बाद यह रॉकेट सेवा से बाहर हो गया, और जापान अब प्रतिस्पर्धी, कम-लागत एवम उच्च क्षमता वाला H‑3 रॉकेट इस्तेमाल करने जा रहा है। H‑3 जापान का नया मुख्यधारा सहारा बन जाएगा, जबकि H‑2A का योगदान देश के स्पेस कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ


🏳️‍🌈 बुडापेस्ट में विशाल और ऐतिहासिक प्राइड मार्च

हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में रविवार को 30वां प्राइड मार्च आयोजित हुआ, जिसमें लगभग 1.8–2 लाख लोग शामिल हुए—यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन था यह मार्च प्रधानमंत्री ओरबान के LGBTQ+ विरोधी और “बाल रक्षा” के नाम पर लाए गए नए कानून के बावजूद शांतिपूर्ण रूप से हुआ

मंगलवार को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष Ursula von der Leyen ने हंगरी सरकार पर इस मंच से रोक लगाने की आलोचना की, और अभिव्यक्ति की आज़ादी बनाने की अपील की—जिसे ओरबान ने “अंतरराष्ट्रीय दखल” बताते हुए खारिज कर दिया

इस मार्च ने यह दिखाया कि मानवाधिकार-आंदोलन सिर्फ LGBTQ+ तक नहीं सीमित हैं, बल्कि लोकतांत्रिक ताकतों का जनादेश बन गए हैं, खास कर जैसे-जैसे देश में चुनाव करीब आ रहे हों। यह सामाजिक आंदोलन अब स्पष्ट रूप से राजनैतिक दृष्टिकोण की चुनौती बनकर उभरा है


🌡️ दक्षिण-पश्चिम यूरोप में गहराती गर्मी की लहर

Heat Wave in Euroupe

स्पेन, इटली और पुर्तगाल समेत दक्षिण-पश्चिमी यूरोप ज़ोन में भीषण गर्मी लहर जारी है, जहाँ तापमान 42 °C तक पहुंच रहा है । यूरोपीय स्वास्थ्य एजेंसियों ने चेतावनी जारी की है कि इस गर्मी से खास तौर पर बुजुर्ग, बच्चों और एयर कंडीशन‑बिना इलाकों में रहने वालों की सेहत प्रभावित हो सकती है

इन देशों के अस्पतालों, वयस्क केयर सेंटर और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव बढ़ गया है। यह गर्मी केवल एक मौसमीय घटना नहीं बल्कि जलवायु परिवर्तन का प्रत्यक्ष दृश्य प्रमाण है, जो मौसम संबंधी चरम घटनाओं को आम करता जा रहा है।


🇺🇸 अमेरिका: ‘Big Beautiful Bill’ पारित—लेकिन रास्ता लंबा

अमेरिकी सीनेट ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा समर्थित “One Big Beautiful Bill Act” को एक Procedural Vote में 51–49 वोटों से मंजूरी दी, जिससे इसका बहस प्रक्रिया में प्रवेश हो गया

इस विधेयक में शामिल है:

  • 2017 के कर कटौती कानूनों को स्थायी बनाने का प्रस्ताव,

  • $170 बिलियन सीमा सुरक्षा अनुदान—जिसमें $46 बिलियन दीवार हेतु—

  • Medicaid और SNAP जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में कटौती, साथ में ग्रामीण अस्पतालों हेतु $25 बिलियन अनुदान,

  • और राष्ट्रीय ऋण सीमा में $5 ट्रिलियन की वृद्धि

माफी (Senate Majority Leader) Schumer ने स्पष्ट किया कि यह बिल पारदर्शिता के लिए पूरा पढ़ा जाएगा—जिसमें बहस लगभग 20 घंटे तक चलेगी और amendments की बहस भी होगी। इसके बाद अंतिम मतदान आएगा—पहले सीनेट में, फिर हाउस में, और अंततः ट्रंप की मंजूरी में

इस विधेयक की घोषणा ने देश में केंद्रीय आर्थिक नीतियों, सरकारी खर्च और कर संरचना पर कान्ट्रास्टिक बहस को जन्म दिया है, जो राष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिहाज़ से महत्वपूर्ण राजनीतिक लड़ाई का संकेत भी हो सकता है।


🧭 आज की विश्व तस्वीर का सारांश

  • स्पेस तकनीक में अहम मोड़: H‑2A का अवसान और H‑3 का उदय।

  • अधिकार और न्याय की लड़ाई: हंगरी की प्राइड रैली ने मानवाधिकारों को फिर से ऊँचाई दी।

  • जलवायु चेतावनी: यूरोप की भीषण लू ने हमें हर स्थिति के लिए सजग रहने की याद दिलाई।

  • राजनैतिक और आर्थिक रण-भूमि: अमेरिका ने बड़े बदलावों की ओर कदम बढ़ाया।

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"