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एयर इंडिया फ्लाइट AI171 क्रैश : कैसे एक ‘कॉन्फिगरेशन एरर’ बन गई भारत के सबसे बड़े विमान हादसे की वजह

एयर इंडिया फ्लाइट AI171 क्रैश – एक तकनीकी चूक या मानवीय भूल?

✈️ 12 जून 2025, दोपहर 1:38 बजे – अहमदाबाद एयरक्रैश

एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 (बोइंग 787-8, VT-ANB) ने अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरी थी। टेकऑफ के कुछ ही मिनटों में विमान शहर के मेघानी नगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

विमान का प्रोफाइल:
  • मॉडल: Boeing 787-8 Dreamliner

  • इंजन: GE GEnx

  • गंतव्य: लंदन गैटविक (लगभग 4,200 किमी दूरी)

  • वजन: करीब 227 टन (फुल फ्यूल लोड)

  • पायलट्स: कैप्टन सुमीत सभरवाल व फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (दोनों अनुभवी)

  • मौसम: 43°C तापमान, बिल्कुल साफ आसमान


⚠️ क्या रही होगी संभावित मुख्य गड़बड़ी?
🛫 टेकऑफ कॉन्फिगरेशन एरर – सबसे संभावित कारण (70–80%)
  • कम ऊंचाई: केवल 825 फीट

  • कम गति: सिर्फ 174 नॉट्स (जबकि 787 को इस भार पर 200–250 नॉट्स की जरूरत होती है)

  • लैंडिंग गियर: टेकऑफ के बाद भी नीचे ही रहा

  • फ्लैप्स/थ्रस्ट/रोटेशन/गियर सेटिंग में गड़बड़ी की आशंका

🔧 कॉन्फिगरेशन एरर क्या होती है?

टेकऑफ के समय विमान की फ्लैप्स, इंजन थ्रस्ट, रोटेशन स्पीड (Vr) और गियर सेटिंग्स में यदि कोई चूक हो जाए, तो विमान सही लिफ्ट नहीं बना पाता।

संभावित चूकें:
  • फ्लैप्स का गलत चयन (कम या ज्यादा)

  • थ्रस्ट सेटिंग में गलती

  • तय गति से पहले रोटेशन

  • टेकऑफ के बाद गियर ऊपर न करना


🔥 43°C की गर्मी – खतरे को और बढ़ाने वाला कारक

गर्मी में एयर डेंसिटी घटती है, जिससे विमान की लिफ्ट और इंजन थ्रस्ट दोनों कम हो जाते हैं। इससे टेकऑफ के लिए बेहद सटीक सेटिंग की जरूरत होती है।


👨‍✈️ पायलट्स से जुड़ी संभावित गलतियां (Human Factors)
📉 थ्रस्ट में कमी
  • शायद Derated Thrust चुन ली गई या FMS में गलत डाटा डाला गया (वजन/तापमान)

  • भारी ईंधन भार के कारण अतिरिक्त थ्रस्ट जरूरी था

🕐 जल्दबाजी में रोटेशन
  • अगर तय गति से पहले नोज उठाया गया, तो विमान में पर्याप्त लिफ्ट नहीं बनी

  • रनवे की पूरी लंबाई इस्तेमाल न की गई हो (intersecting टेकऑफ), तो दूरी भी कम पड़ी

🔄 लैंडिंग गियर ऊपर न करना
  • ड्रैग बढ़ने से विमान ऊपर नहीं जा पाया

  • यह भूल भी हो सकती है या जानबूझकर इमरजेंसी के लिए किया गया फैसला

🧑‍✈️ CRM (क्रू रिसोर्स मैनेजमेंट) में कमी
  • यदि फर्स्ट ऑफिसर ने कैप्टन की गलती पर टोकने में हिचकिचाहट दिखाई हो

  • आपसी तालमेल में खामी से चेकलिस्ट फॉलो नहीं हो पाई


🖥️ ऑटोमेशन और FMS पर जरूरत से ज्यादा भरोसा
  • FMS में यदि गलत डाटा डाला गया (जैसे गलत वजन), तो सारे ऑटोमेटेड गणनाएं गड़बड़ा जाती हैं

  • पायलट्स अगर जल्दबाजी में मशीन पर निर्भर रहें, तो चूक की संभावना बढ़ जाती है


🌡️ गर्मी और शारीरिक थकान का प्रभाव
  • 43°C तापमान में पायलट की सतर्कता, निर्णय लेने की क्षमता और प्रतिक्रिया समय प्रभावित हो सकता है

  • लंबी ड्यूटी के कारण मानसिक थकान भी एक कारक हो सकती है


दूसरे संभावित कारण (कम संभावना)

🔥 इंजन फेल / बर्ड स्ट्राइक (10–15%)

  • MAYDAY कॉल से इंजन की ताकत कम होने का संकेत

  • पर दोनों इंजनों का एकसाथ फेल होना बेहद दुर्लभ

☀️ पर्यावरणीय प्रदर्शन में कमी (5–10%)
  • गर्मी ने थ्रस्ट और लिफ्ट को प्रभावित किया

  • लेकिन अकेले यह कारण इतना बड़ा हादसा नहीं बनाता

⚙️ तकनीकी या स्ट्रक्चरल फेल्योर (2–3%)
  • 787 के बेहतरीन सुरक्षा रिकॉर्ड के कारण यह संभावना बेहद कम मानी जा रही है

💣 आतंकी साजिश या रनवे इवेंट (1%)
  • कोई सबूत नहीं है किसी आतंकी साजिश का

  • विमान टेकऑफ के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ, रनवे इवेंट की संभावना नगण्य


🧾  क्या थी संभावित  असली वजह?
👉 “टेकऑफ कॉन्फिगरेशन एरर” – सबसे संभावित कारण (70–80%)
  • पायलट्स द्वारा फ्लैप्स, थ्रस्ट, रोटेशन या गियर में कोई गंभीर चूक हुई होगी

  • भारी वजन, फुल फ्यूल, और गर्म मौसम ने स्थिति को और नाजुक बना दिया

  • टेकऑफ में किसी भी एक छोटी चूक ने एक भयावह हादसे का रूप ले लिया

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"