अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष धर्म समाचार सोश्ल मीडिया से

काल भैरव: न्याय के देवता, रक्षक के रूप में शिव का उग्र स्वरूप

🔱 भूमिका

भारतीय संस्कृति में काल भैरव केवल एक देवता नहीं, बल्कि समय, मृत्यु और न्याय के अधिपति माने जाते हैं। इन्हें भगवान शिव का रौद्र और उग्रतम रूप कहा जाता है, जो अधर्म का विनाश कर धर्म की स्थापना करते हैं। “काल” का अर्थ है समय और “भैरव” का अर्थ है भय का नाश करने वाला

📜 उत्पत्ति की पौराणिक कथा

शिव पुराण में वर्णन है कि एक बार ब्रह्मा जी ने स्वयं को सर्वश्रेष्ठ कह दिया। यह सुनकर भगवान शिव ने क्रोधित होकर अपने अंश से भैरव की रचना की। भैरव ने ब्रह्मा जी के पाँचवें सिर को काट दिया। इस पाप के कारण उन्हें ब्रह्महत्या का दोष लगा और वे भिक्षाटन (भिक्षा माँगते हुए घूमना) को विवश हुए। अंततः काशी (वाराणसी) में उन्हें मुक्ति मिली, और वहीं काल भैरव के रूप में उनकी प्रतिष्ठा हुई।

🕉️ स्वरूप और प्रतीक
  • भैरव जी का वाहन कुत्ता होता है — जो वफादारी और चौकसी का प्रतीक है।

  • इनके आठ प्रमुख रूप हैं जिन्हें अष्ट भैरव कहा जाता है, जैसे कि बटुक भैरव, संहार भैरव, रुद्र भैरव आदि।

  • इनके हाथों में त्रिशूल, खप्पर, डमरू और तलवार होती है।

  • वे नग्न, भस्म से लिप्त और गले में नरमुण्डों की माला धारण करते हैं।

🛕 काल भैरव की पूजा का महत्व
रक्षा और भय से मुक्ति

भैरव को नगर रक्षक माना जाता है। विशेष रूप से काशी के कोतवाल (मुख्य प्रहरी) माने जाते हैं। ऐसा विश्वास है कि काल भैरव की पूजा से बुरी शक्तियाँ और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

न्यायप्रिय और शीघ्र कृपालु

काल भैरव अत्यंत न्यायप्रिय हैं। गलत करने वालों को त्वरित दंड देते हैं, और सच्चे भक्तों की रक्षा करते हैं।

समय और मृत्यु पर नियंत्रण

काल भैरव की साधना से व्यक्ति अपने जीवन के समय का सदुपयोग करना सीखता है। वे मृत्यु के भय को जीतने की प्रेरणा देते हैं।

🙏 पूजा विधि
  • भैरवाष्टमी (मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी) को इनकी विशेष पूजा होती है।

  • पूजन में सरसों का तेल, नारियल, काले तिल, गुड़ और मदिरा अर्पण की जाती है।

  • भैरव जी को काले कुत्ते को भोजन कराना अति पुण्यकारी माना गया है।

  • रात्रि में भैरव की पूजा विशेष फलदायक होती है।

🌍 प्रसिद्ध मंदिर
  1. काल भैरव मंदिर, वाराणसी – सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध।

  2. काल भैरव मंदिर, उज्जैन – महाकाल के समान शक्तिशाली।

  3. अन्नपूर्णा मंदिर के पास स्थित भैरव मंदिर, काशी।

  4. भैरवगढ़, मध्यप्रदेश – चित्रकला और तांत्रिक साधनाओं के लिए प्रसिद्ध।

🧘 जीवन में काल भैरव की प्रासंगिकता

आज के समय में जहाँ अन्याय, भय, असत्य और अनैतिकता बढ़ रही है, वहाँ काल भैरव का स्मरण हमें सच्चाई, साहस और समय का सम्मान करने की प्रेरणा देता है। उनका आराधन हमें भीतर से निर्भय बनाता है, और अनुशासित जीवन जीने की दिशा दिखाता है।


🔚 उपसंहार

काल भैरव केवल एक देवता नहीं, बल्कि समय के नियंता, भय के संहारक और सत्य के रक्षक हैं। उनकी पूजा से केवल भय ही नहीं मिटता, बल्कि आत्मा को स्थिरता, शक्ति और स्पष्टता प्राप्त होती है।

“भैरव करो कृपा हम पर, जीवन पथ सुलभ हो जाए।
हर संकट हो दूर प्रभु, चरणों में मन रम जाए।”

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"