🧨 सात दिन, सैकड़ों बम, और फिर आया युद्धविराम
पिछले एक सप्ताह से थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद को लेकर जो हिंसक युद्ध चल रहा था, वह अब थम चुका है। दोनों देशों ने सोमवार को सीजफायर (युद्धविराम) पर सहमति जता दी है और बमबारी रोक दी गई है।
लेकिन इस सीजफायर की कहानी जितनी राहत देने वाली है, उतनी ही पेचीदा और राजनीतिक रूप से दिलचस्प भी।
🧭 पर्दे के पीछे कौन? मलेशिया vs अमेरिका
सीजफायर के तुरंत बाद दोनों ही देशों—अमेरिका और मलेशिया—ने दावा किया कि उनके हस्तक्षेप से ये शांति स्थापित हुई है।
🇲🇾 मलेशिया का दावा:
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने खुद बयान जारी कर कहा कि उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं से फोन पर बातचीत की। उन्होंने दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाया और सीमा संघर्ष रोकने पर सहमति दिलाई।
अनवर इब्राहिम ने कहा:
“हमने दोनों देशों के नेताओं से सीधे संवाद किया और शांति के लिए दबाव बनाया। एशिया में स्थिरता हमारी प्राथमिकता है।”
अमेरिका का दावा:
वहीं दूसरी ओर, व्हाइट हाउस ने भी दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हस्तक्षेप किया और दोनों देशों को युद्ध रोकने के लिए राजी किया।
व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी के अनुसार:
“राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता और कूटनीतिक प्रयासों से ही यह सीजफायर संभव हुआ है।”
🔍 तो किसका दावा सच्चा है?
यह सवाल अब अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के गलियारों में गूंज रहा है।
क्या यह एशियाई नेतृत्व की जीत है या पश्चिमी सुपरपावर की राजनयिक चाल?
👉 विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों के बीच मध्यस्थता में दोनों शक्तियों की भूमिका रही, लेकिन मलेशिया का योगदान क्षेत्रीय दृष्टिकोण से कहीं अधिक अहम था।
👉 अमेरिका ने संकट को जल्दी शांत करने के लिए बैकडोर कूटनीति का सहारा लिया, वहीं मलेशिया ने खुले मंच पर हस्तक्षेप किया।
🗺️ सीमा विवाद की पृष्ठभूमि
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह विवाद पूर्वी सीमा पर एक ऐतिहासिक मंदिर (Preah Vihear) को लेकर लंबे समय से चला आ रहा है।
इस बार एक निर्माण परियोजना को लेकर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं, और बात बमबारी तक पहुँच गई।
इस संघर्ष में अब तक:
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दर्जनों सैनिक घायल
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सीमावर्ती गांवों को खाली कराया गया
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बुनियादी सुविधाएं प्रभावित हुईं
🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
🟢 संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों के सीजफायर की सराहना की है और शांति बनाए रखने की अपील की है।
🟢 आसियान (ASEAN) ने भी मलेशिया की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि क्षेत्रीय नेतृत्व को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
📣 सीजफायर के बाद अब क्या?
सीजफायर तो हो गया है, लेकिन:
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क्या यह स्थायी समाधान है?
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क्या अब दोनों देश सीमा चिन्हांकन पर बातचीत करेंगे?
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और क्या अमेरिका और मलेशिया के बीच इस दावे को लेकर कूटनीतिक तनातनी होगी?
इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नजर आएंगे।
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(डिस्क्लेमर/अस्वीकरण)
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समाचार स्रोतों, राजनयिक बयानों और सरकारी प्रेस रिलीज़ पर आधारित है। TV10 Network इसकी सटीकता की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता। यह लेख मात्र सूचना हेतु प्रस्तुत किया गया है।