Thailand-Cambodia Conflict 2025: क्या ट्रंप की पहल से थमेगा युद्ध का तूफान? जानिए दोनों देशों की प्रतिक्रिया
4 दिन से चल रहा संघर्ष, 33 से अधिक जानें जा चुकी हैं, और सीमा पर अभी भी तनाव बरकरार है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ी कूटनीतिक पहल करते हुए थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीजफायर (युद्धविराम) के लिए प्रस्ताव रखा है। उन्होंने इसके बदले में दोनों देशों को व्यापार समझौते (ट्रेड डील) का ऑफर भी दिया है। अब सवाल यह है—क्या वाकई ट्रंप की पहल युद्ध रोकने में सफल होगी?
🔥 क्या है ट्रंप का प्रस्ताव?
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कई पोस्ट करते हुए दावा किया कि उन्होंने थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायचाई और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट से व्यक्तिगत रूप से बात की है। उनका कहना है कि यदि दोनों देश युद्धविराम पर सहमत होते हैं, तभी अमेरिका उनके साथ व्यापारिक रिश्ते आगे बढ़ाएगा।
ट्रंप ने साफ किया कि अमेरिका तब तक किसी भी तरह की ट्रेड डील नहीं करेगा जब तक कि दोनों देश शांति स्थापित नहीं कर लेते। उनका कहना है कि दोनों देशों ने युद्धविराम और वार्ता के लिए सैद्धांतिक सहमति दी है।
🇹🇭 थाईलैंड ने क्या प्रतिक्रिया दी?
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायचाई ने अमेरिकी राष्ट्रपति की पहल की सराहना करते हुए कहा कि उनका देश सैद्धांतिक रूप से युद्धविराम के पक्ष में है। हालांकि, उन्होंने कंबोडिया से “ईमानदारी और पारदर्शिता” की मांग की है।
थाईलैंड ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के किसी भी फैसले को स्वीकार करने से उसने फिलहाल इनकार कर दिया है।
🇰🇭 कंबोडिया का रुख क्या है?
कंबोडिया ने अब तक राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन उसने थाईलैंड पर “जानबूझकर हमला करने” और “बिना उकसावे की कार्रवाई” का आरोप लगाया है।
कंबोडियाई सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से थाईलैंड के आक्रामक रवैये की निंदा करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने यह दोहराया कि वे पहले मलेशिया द्वारा सुझाए गए सीजफायर प्रस्ताव को स्वीकार कर चुके हैं, जिसे थाईलैंड ने खारिज कर दिया था।
🛕 विवाद की जड़: प्राचीन हिंदू मंदिर और सीमाई नक्शे
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद की मुख्य वजह है 817 किमी लंबी सीमा पर स्थित प्रिय विहार (Preah Vihear) और ता मोआन थोम (Ta Moan Thom) नामक प्राचीन हिंदू मंदिरों का स्वामित्व।
1907 के फ्रांसीसी नक्शे के अनुसार ये मंदिर कंबोडिया क्षेत्र में आते हैं, लेकिन थाईलैंड का दावा है कि ये स्थल ऐतिहासिक रूप से उसके क्षेत्र का हिस्सा हैं।
⚔️ ताजा संघर्ष कैसे शुरू हुआ?
मई 2025 में यह विवाद तब और उग्र हो गया जब एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई और थाई सैनिक बारूदी सुरंगों में घायल हो गए। इसके बाद से दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है।
मई से जुलाई 2025 के बीच हुई झड़पों में अब तक कम से कम 33 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें 20 थाईलैंड और 13 कंबोडिया के नागरिक हैं। वहीं करीब 1.3 लाख लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।
🕊️ क्या वाकई सीजफायर होगा?
हालांकि ट्रंप की मध्यस्थता एक राजनयिक ब्रेकथ्रू के रूप में देखी जा रही है, लेकिन फिलहाल स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। थाईलैंड की ओर से सैद्धांतिक सहमति जरूर मिली है, लेकिन सीमा पर फायरिंग और सैन्य गतिविधियां अभी भी जारी हैं।
कंबोडिया की चुप्पी और सीमा पर तनाव को देखते हुए यह कहना जल्दबाजी होगी कि ट्रंप की पहल से युद्धविराम की स्थिति बनेगी। लेकिन इतना तय है कि यह अमेरिका की Indo-Pacific रणनीति और वैश्विक कूटनीति के लिए एक अहम पड़ाव साबित हो सकता है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद अब फिर से भड़क उठा है, और अमेरिका की ट्रंप-शैली कूटनीति एक नया मोड़ ला सकती है। लेकिन अंतिम परिणाम आने में अभी समय है। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देश इस पहल को कितनी गंभीरता से लेते हैं।