डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS पर बोला हमला: अमेरिका-विरोधी करार देते हुए 10% टैरिफ की धमकी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उभरते वैश्विक गठबंधन BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने BRICS को अमेरिका-विरोधी करार देते हुए इस पर 10% आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि यह समूह एक ठोस इकाई के रूप में उभरता है, तो वे इसे “बहुत जल्द खत्म” कर देंगे।
BRICS पर ट्रंप की सख्त टिप्पणी
शुक्रवार, 19 जुलाई 2025 को एक सार्वजनिक बयान में ट्रंप ने कहा—
“अगर ये BRICS नाम का समूह वास्तव में कुछ बन गया, तो मैं इसे बहुत जल्दी खत्म कर दूंगा। हम किसी को अमेरिका से खेल नहीं खेलने देंगे।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि BRICS से जुड़े वे देश जो अमेरिका-विरोधी नीतियों का समर्थन करते हैं, उन पर 10% तक का आयात शुल्क लगाया जाएगा। जुलाई की शुरुआत में ही ट्रंप ने इस नई टैरिफ नीति का संकेत दिया था।
डिजिटल डॉलर और अमेरिकी मुद्रा पर ट्रंप की राय
ट्रंप ने अमेरिकी डॉलर की वैश्विक स्थिति को बनाए रखने का संकल्प दोहराया। उन्होंने केंद्रीय डिजिटल करेंसी (CBDC) के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा—
“मैं डिजिटल डॉलर को कभी स्वीकार नहीं करूंगा। यह अमेरिका की स्वतंत्र वित्तीय पहचान को खत्म कर देगा।”
BRICS का जवाब: हमारा मकसद अमेरिका का विरोध नहीं
ट्रंप के बयानों के बाद BRICS समूह ने प्रतिक्रिया दी है। समूह का कहना है कि उसका मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों को एक साझा मंच प्रदान करना है, न कि अमेरिका का विरोध करना। समूह ने ट्रंप के आरोपों को निराधार बताया।
2024 के अंत में BRICS ने अपने विस्तार की घोषणा करते हुए ईरान और इंडोनेशिया जैसे देशों को भी सदस्यता दी थी। पिछले साल ब्राजील में हुए शिखर सम्मेलन में भी अमेरिका की सैन्य और व्यापार नीतियों पर परोक्ष आलोचना की गई थी।
ब्राजील पर लगा 50% आयात शुल्क
ट्रंप का गुस्सा सिर्फ BRICS तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने ब्राजील पर 50% आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो अगस्त 2025 से लागू होगी। साथ ही अमेरिका ने ब्राजील के व्यापार मॉडल की औपचारिक जांच भी शुरू कर दी है। ट्रंप प्रशासन ने इसे “अनुचित” व्यापार नीति करार दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान न केवल BRICS के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देता है, बल्कि अमेरिका की आक्रामक व्यापार नीति की भी झलक देता है। आगामी अमेरिकी चुनावों के मद्देनजर यह रुख वैश्विक राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है।
डिस्क्लेमर:
यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी पूर्णतः अद्यतन तथ्यों पर आधारित है, परंतु किसी भी राजनीतिक निर्णय या बयान की पुष्टि संबंधित सरकारों द्वारा ही की जा सकती है। इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है।