शिक्षा के अधिकार के विरुद्ध मर्जर योजना: लोहिया वाहिनी
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Bahraich News : राइट टू एजुकेशन के विरुद्ध है विद्यालय मर्जर योजना: नंदेश्वर

राइट टू एजुकेशन के विरुद्ध है विद्यालय मर्जर योजना: नंदेश्वर

कैसरगंज तहसील में समाजवादी लोहिया वाहिनी का जोरदार प्रदर्शन, राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया

बहराइच, यूपी। [अनुराग गुप्ता] –  प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) के खिलाफ कैसरगंज तहसील परिसर में समाजवादी लोहिया वाहिनी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल को संबोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष नंदेश्वर यादव ने कहा कि जनपद बहराइच में लगभग 123 प्राथमिक विद्यालयों को “कम नामांकन” का आधार बनाकर अन्य विद्यालयों में मर्ज करने की योजना बनाई गई है, जो शिक्षा के मौलिक अधिकार (Right to Education) के खिलाफ एक गंभीर कदम है।


ग्रामीण और पिछड़े बच्चों के भविष्य पर संकट

नंदेश्वर यादव ने कहा कि यह निर्णय उन बच्चों के साथ अन्याय है जो दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं, जहां वैकल्पिक विद्यालय की सुविधा नहीं है। उन्होंने चेताया कि इस मर्जर योजना से ग्रामीण, गरीब, पिछड़े और वंचित तबकों के बच्चों की शिक्षा बाधित होगी, क्योंकि अधिकांश चिन्हित विद्यालय ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं जहां से बच्चों का दूसरे विद्यालय तक पहुंचना कठिन है।


अन्य नेताओं ने भी जताई गहरी आपत्ति

  • संत कुमार पासी, जिलाध्यक्ष, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ ने मांग की कि बहराइच में प्रस्तावित 123 विद्यालयों के मर्जर पर तत्काल रोक लगाई जाए।

  • दिनेश लोधी, जिलाध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग ने कहा कि विद्यालयों की वर्तमान स्थिति की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

  • अभिषेक यादव, विधायक प्रतिनिधि, कैसरगंज ने कहा कि मर्जर जैसे निर्णय स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों और ग्राम सभाओं से संवाद स्थापित किए बिना नहीं होने चाहिए।

  • मयंक मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष ने कहा, “यदि यह योजना लागू होती है, तो यह बच्चों का भविष्य अंधकार में डाल देगी और प्रदेश में शिक्षा में असमानता और अधिक बढ़ेगी।”


इस विरोध प्रदर्शन में कई समाजवादी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:
संत कुमार पासी, दिनेश लोधी, अभिषेक यादव, शिव कुमार गौतम, अमरदीप यादव, मयंक मिश्रा, रिंकू, निरंकार यादव, इरफान, विनय यादव, फरीद अहमद अंसारी, मुलायम सिंह यदुवंश, गुड्डू यादव, राहुल, और अन्य कार्यकर्ता।


प्रदर्शन से पहले नजरबंद किए गए पदाधिकारी

प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा समाजवादी पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों को नजरबंद कर दिया गया।
नंदेश्वर नंद यादव और संत कुमार पासी को बीती रात ही उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया, ताकि वे लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन में भाग न ले सकें।


विद्यालयों के मर्जर के इस निर्णय ने बहराइच जिले में शिक्षा से जुड़े समाजसेवियों और राजनैतिक कार्यकर्ताओं को आक्रोशित कर दिया है। यह स्पष्ट है कि यदि प्रशासन ने संवाद की प्रक्रिया अपनाए बिना यह योजना लागू की, तो शिक्षा का अधिकार केवल किताबों तक सीमित रह जाएगा। समाजवादी लोहिया वाहिनी ने मांग की है कि इस फैसले पर तुरंत पुनर्विचार हो और निष्पक्ष जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जाए।


विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"