आत्मा के भीतर बसे दिव्य गुरु
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गुरु पूर्णिमा 2025: तिथि, महत्व, पूजन विधि और शास्त्रों में इसका आध्यात्मिक रहस्य

🌕 गुरु पूर्णिमा 2025: तिथि, महत्व, पूजन विधि और शास्त्रों में इसका आध्यात्मिक रहस्य

🗓️ गुरु पूर्णिमा 2025 की तारीख और मुहूर्त:

  • तिथि: 10 जुलाई 2025, गुरुवार

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 10 जुलाई, 1:36 AM

  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 जुलाई, 2:06 AM

  • चंद्रोदय (चंद्र दर्शन): 10 जुलाई को शाम 7:20 के बाद

  • शुभ मुहूर्त: सुबह 9:00 से दोपहर 12:30 तक पूजा का सर्वोत्तम समय


🧘‍♀️ गुरु पूर्णिमा: अज्ञान से ज्ञान की ओर यात्रा

‘गुरु पूर्णिमा’ का शाब्दिक अर्थ है — गुरु की पूर्णता को समर्पित दिन। यह न केवल एक पर्व है, बल्कि जीवन को दिशा देने वाले गुरुओं के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर है।

शास्त्रों में उल्लेख:

  • स्कंद पुराण में कहा गया है — “गुरुब्राह्मा गुरुविष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।”
    गुरु का स्थान सृष्टि के रचयिता, पालनकर्ता और संहारकर्ता से भी ऊपर बताया गया है।

  • योग सूत्रों में पतंजलि ने गुरु को योग का द्वार बताया है — ‘ईश्वर प्रणिधानाद् वा’, यानी गुरु ही ईश्वर तक पहुँचने का माध्यम हैं।


📖 गुरु पूर्णिमा और महर्षि वेदव्यास:

गुरु पूर्णिमा का एक नाम व्यास पूर्णिमा भी है। यह वही दिन है जब महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था — जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने:

  • चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) को व्यवस्थित किया

  • महाभारत, 18 पुराण, ब्रह्मसूत्र और भगवद गीता जैसे दिव्य ग्रंथों की रचना की

महर्षि वेदव्यास ने ज्ञान को आम जनमानस के लिए सुलभ किया, इसलिए उन्हें ‘आदि गुरु’ कहा जाता है।


🔯 बौद्ध, जैन और अन्य परंपराओं में महत्व:

  • बौद्ध परंपरा: भगवान बुद्ध ने इसी दिन सारनाथ में अपना प्रथम उपदेश दिया — जिसे “धर्मचक्र प्रवर्तन दिवस” कहा गया।

  • जैन परंपरा: भगवान महावीर ने इस दिन अपने पहले गणधर (शिष्य) को दीक्षा दी थी।

  • सिख परंपरा: सिख गुरुओं का स्मरण और ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ का पाठ इस दिन विशेष रूप से किया जाता है।


🪔 गुरु पूर्णिमा पूजन विधि:

1. प्रातः स्नान करें

गंगा जल या स्वच्छ जल से स्नान करें, पीले वस्त्र धारण करें।

2. गुरु का ध्यान और पूजन करें

  • यदि आपके जीवन में कोई गुरु हैं, तो उनका आशीर्वाद लें।

  • यदि नहीं हैं, तो महर्षि वेदव्यास या भगवान शिव को गुरु रूप में पूजें।

3. आरती, मंत्र जाप, गीता-पाठ करें

  • “ॐ गुरवे नमः” या “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु…” का जाप करें

  • भगवद्गीता का पाठ, गुरु गीता का पाठ शुभ होता है

4. दान-पुण्य करें

पीले वस्त्र, फल, किताबें, गायत्री मंत्र की पुस्तकें, देसी घी, हल्दी, चना-गुड़ आदि का दान करें।


💡 गुरु पूर्णिमा पर क्या करें और क्या न करें:

✔️ करें:

  • सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करें

  • अपने माता-पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु का आशीर्वाद लें

  • कुछ समय मौन साधना और आत्मनिरीक्षण में बिताएं

❌ न करें:

  • गुरुओं की निंदा या अपमान

  • क्रोध, मोह, तामसिक भोजन या आलस्य

  • अज्ञान की बातें जैसे TV पर फालतू प्रोग्राम, गॉसिप, या असत्य भाषण


🕉️ गुरु के प्रकार और महत्व:

  1. जीवन गुरु – माता-पिता

  2. शिक्षा गुरु – विद्यालयों और विश्वविधालयों के शिक्षक

  3. ध्यान गुरु – योग व ध्यान में मार्गदर्शक

  4. आध्यात्मिक गुरु – जो आत्मज्ञान की ओर ले जाएं

गुरु की शरण में जाने से ही आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है। उपनिषदों में कहा गया है —
“तद्विज्ञानार्थं स गुरुमेवाभिगच्छेत।” — ज्ञान प्राप्ति के लिए गुरु की शरण आवश्यक है।


गुरु पूर्णिमा 2025 न केवल धार्मिक या पौराणिक महत्व का पर्व है, बल्कि यह हमारे जीवन में मार्गदर्शन करने वालों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर भी है। इस दिन हम केवल अपने गुरु को स्मरण नहीं करते, बल्कि आत्मा के भीतर बसे दिव्य गुरु को भी जागृत करते हैं।

📜 (डिस्क्लेमर)

इस लेख की जानकारी विभिन्न धर्मग्रंथों, ज्योतिषीय गणनाओं और वैदिक मान्यताओं के आधार पर तैयार की गई है। पाठक अपनी श्रद्धा और विवेक के अनुसार इनका पालन करें। किसी भी धार्मिक क्रिया से पहले विशेषज्ञ या आचार्य से परामर्श अवश्य लें।

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"