न्यू 7 वंडर्स की सूची, वर्ल्ड वंडर में ताजमहल
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7 जुलाई को घोषित हुए थे दुनिया के 7 अजूबे, जानिए ताजमहल समेत कौन-कौन सी धरोहरें बनीं वर्ल्ड वंडर

🌍 दुनिया के 7 अजूबे: 7 जुलाई का इतिहास जो बना ऐतिहासिक

दुनिया में जब भी अद्भुत और चमत्कारी चीज़ों की बात होती है, तो “7 अजूबे” सबसे पहले ज़ुबान पर आ जाते हैं। इन्हें विश्व की सबसे अद्वितीय, शानदार और ऐतिहासिक धरोहरों में गिना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज ही के दिन यानी 7 जुलाई 2007 को न्यू7वंडर्स फाउंडेशन ने दुनिया के नए सात अजूबों की घोषणा की थी, जिसमें भारत का ताजमहल भी शामिल था?

📜 कैसे तय हुए नए सात अजूबे?

इस अभियान की शुरुआत साल 2001 में न्यू7वंडर्स फाउंडेशन ने की थी। इसका उद्देश्य था – दुनिया की सबसे महान और चमत्कारी इमारतों में से सात को जनता के वोट के आधार पर चुनना।
इस प्रक्रिया में शुरुआत में करीब 200 स्मारक शॉर्टलिस्ट किए गए। फिर ऑनलाइन और टेलीवोटिंग के जरिए 100 मिलियन से ज्यादा लोगों ने अपने पसंदीदा स्मारकों को वोट दिया। अंततः 7 जुलाई 2007 को पुर्तगाल के लिस्बन में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान नए 7 अजूबों की घोषणा की गई।


🏆 दुनिया के नए 7 अजूबे (New 7 Wonders of the World)

1️⃣ चीन की दीवार (Great Wall of China)

चीन की यह विशाल दीवार करीब 6500 किलोमीटर लंबी और 35 फीट ऊंची है। इसका निर्माण कार्य 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 16वीं सदी तक चला। यह दीवार सैन्य सुरक्षा के लिए बनाई गई थी और आज यह चीन की पहचान बन चुकी है।


2️⃣ पेट्रा (Petra, Jordan)

जॉर्डन के रेगिस्तानी इलाकों में स्थित पेट्रा एक ऐतिहासिक और पत्थरों में तराशी गई नगरी है। इसे “रोज़ सिटी” भी कहा जाता है। इसमें शानदार मंदिर, नहरें, ओपन स्टेडियम और गुफा जैसे मकान हैं। इसकी खूबसूरती अद्भुत है।


3️⃣ क्राइस्ट द रिडीमर (Christ the Redeemer, Brazil)

ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में बनी यीशु मसीह की यह विशाल प्रतिमा करीब 32 मीटर ऊंची और 700 टन वजनी है। यह दुनिया में ईसाई धर्म का प्रतीक मानी जाती है और 1931 में इसका निर्माण पूरा हुआ था।


4️⃣ माचू पिचू (Machu Picchu, Peru)

पेरू की पहाड़ियों पर बसा माचू पिच्चू 15वीं शताब्दी में इनका सभ्यता द्वारा बसाया गया एक रहस्यमय शहर है। समुद्र तल से 2430 मीटर ऊंचाई पर बसी यह जगह अब एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट बन चुकी है।


5️⃣ चिचेन इट्जा (Chichen Itza, Mexico)

मेक्सिको की माया सभ्यता द्वारा बना यह स्थान एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र था। यहां कुकुल्कन का पिरामिड सबसे प्रसिद्ध है, जिसकी ऊंचाई 79 फीट है। इस पिरामिड में 365 सीढ़ियां हैं, जो साल के 365 दिनों का प्रतीक हैं।


6️⃣ रोमन कोलोसियम (Colosseum, Italy)

इटली के रोम शहर में स्थित यह विशाल स्टेडियम 72 से 80 ईस्वी के बीच बनाया गया था। यह पत्थर और कंक्रीट से बना है और कभी ग्लैडिएटर युद्धों और अन्य मनोरंजन गतिविधियों का केंद्र हुआ करता था।


7️⃣ ताजमहल (Taj Mahal, India)

भारत के आगरा में स्थित ताजमहल को प्यार की निशानी माना जाता है। मुग़ल बादशाह शाहजहां ने इसे अपनी बेगम मुमताज़ की याद में 1628 से 1658 के बीच बनवाया था। सफेद संगमरमर से बनी यह इमारत अपनी नक्काशी, वास्तुकला और भावनात्मक जुड़ाव के कारण विश्वप्रसिद्ध है।


ताजमहल ने पाया था 7वां स्थान

घोषणा के समय ताजमहल को सातवें स्थान पर रखा गया था, लेकिन इसकी सुंदरता और लोकप्रियता किसी भी अजूबे से कम नहीं है। भारतीयों ने बड़े पैमाने पर वोटिंग कर ताजमहल को इस सूची में शामिल कराने में अहम भूमिका निभाई।


💬  विश्व की धरोहरों का गौरव

ये सात अजूबे न केवल वास्तुशिल्प का अद्भुत उदाहरण हैं, बल्कि यह मानव इतिहास, भावनाओं और संस्कृति का प्रतीक भी हैं। 7 जुलाई का यह दिन हमें याद दिलाता है कि इतिहास को संरक्षित कर अगली पीढ़ियों तक पहुंचाना कितना महत्वपूर्ण है।


📢 (डिसक्लेमर)

इस लेख में दी गई जानकारियां ऐतिहासिक संदर्भों और प्रमाणिक रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। हम सटीकता सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं, लेकिन किसी भी ऐतिहासिक तथ्य की पुष्टि के लिए पाठकों को अपने स्तर पर भी सत्यापन करने की सलाह दी जाती है। यदि आपके पास इस विषय से जुड़ी कोई जानकारी या सुझाव हो, तो आप हमें info@tvtennetwork.com पर ईमेल कर सकते हैं या 7068666140 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं। आपका सहयोग हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।

विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"