2025 का सूर्य ग्रहण: 2 अगस्त या 21 सितंबर 2025? भ्रम और सच्चाई
हाल के दिनों में सोशल मीडिया और कई प्लेटफॉर्म पर दावा किया जा रहा है कि 2 अगस्त 2025 को एक दुर्लभ पूर्ण सूर्य ग्रहण होने वाला है, जो करीब 6 मिनट तक पूरी दुनिया को अंधेरे में डुबो देगा। कहा जा रहा है कि ऐसा सूर्य ग्रहण अगले 100 वर्षों तक देखने को नहीं मिलेगा। लेकिन यह दावा पूरी तरह भ्रामक है।
दरअसल, 2 अगस्त को पूर्ण सूर्य ग्रहण 2027 में लगेगा, न कि 2025 में। साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा, जो आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण क्यों है खास?
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यह सूर्य ग्रहण आश्विन मास की अमावस्या तिथि को पड़ रहा है, जिसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है।
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ग्रहण की शुरुआत: 21 सितंबर की रात 22:59 बजे
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ग्रहण का समापन: 22 सितंबर की सुबह 03:23 बजे
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यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा और पूजा-पाठ, तर्पण आदि कार्य यथावत किए जा सकेंगे।
सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व
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यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा।
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ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण राहु-केतु के साथ युति के कारण होता है, जो छाया ग्रह होते हैं।
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यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और निर्णय क्षमता में कमी ला सकता है।
ग्रहण दोष के प्रभाव
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वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
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वंश वृद्धि या संतान सुख में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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पिता-पुत्र संबंधों में तनाव आने की संभावना।
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मानसिक स्थिति कमजोर हो सकती है, निर्णय लेने में दिक्कतें।
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कई बार प्राकृतिक आपदाएं और दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
वेदों में सूर्य ग्रहण का उल्लेख
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ऋग्वेद में सूर्य ग्रहण को असुर स्वरभानु के अंधकार से जोड़ा गया है, जिसे बाद में भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहु और केतु में विभाजित किया।
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ऋषि अत्रि ने मंत्र का जाप कर अंधकार को दूर किया था—
“अत्रिर्देवतां देवभिः सपर्यन् स्वरभानोरप हनद्विदत तमः।” -
अथर्ववेद में ग्रहण के दौरान मंत्र जाप और मानसिक साधना को सुरक्षित रहने का मार्ग बताया गया है।
क्या करें और क्या न करें
करें:
✔ ग्रहण के समय मानसिक जाप और ध्यान करें
✔ गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें
✔ सूर्य मंत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें
न करें:
❌ कोई भी पूजा-पाठ ग्रहण काल में न करें
❌ भोजन, पानी ग्रहण से पहले ही ग्रहण करें
❌ सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें
2025 का सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा और यह भारत में दृश्य नहीं होगा। ऐसे में धार्मिक कार्य बाधित नहीं होंगे। लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जिसका प्रभाव निश्चित रूप से मनुष्य के जीवन और राशियों पर पड़ेगा। अतः सावधानी और जागरूकता ही इससे बचाव का रास्ता है।
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(डिसक्लेमर) यह लेख सूर्य ग्रहण से जुड़ी ज्योतिषीय और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य पाठकों को जानकारी देना है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नक्षत्रीय गणना के अनुसार ग्रहण के वास्तविक समय और प्रभाव में अंतर हो सकता है। किसी भी निर्णय से पूर्व विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।