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दतिया को मिली हवाई उड़ान की सौगात, पीएम मोदी ने किया एयरपोर्ट का उद्घाटन

🎉 पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 31 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए दतिया और सतना एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। यह दोनों हवाई अड्डे केंद्र सरकार की ‘उड़ान’ योजना के तहत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।


🏗️ एयरपोर्ट की खास बातें

✈️ निर्माण लागत: ₹60.63 करोड़
📏 टर्मिनल क्षेत्रफल: 768 वर्ग मीटर
👥 क्षमता: एक समय में 150 यात्री, सालाना 2.5 लाख यात्री
🛬 रनवे लंबाई: 1,810 मीटर
🚦 प्रारंभिक विमानों के लिए तैयार: ATR-72
📈 भविष्य की योजना: A-320 विमानों के संचालन की तैयारी


🌆 झांसी और दतिया दोनों को मिलेगा लाभ

यह एयरपोर्ट सिर्फ दतिया ही नहीं बल्कि पास के प्रमुख शहर झांसी को भी सेवाएं देगा। इससे पर्यटन, स्वास्थ्य सेवाएं, और स्थानीय व्यापार को तेज़ी से बढ़ावा मिलेगा।


✈️ उड़ानों का संचालन और किराया

🛩️ उड़ान मार्ग: दतिया से भोपाल और खजुराहो
📅 फ्रीक्वेंसी: सप्ताह में चार दिन (सोमवार–गुरुवार)
⏱️ समय:

  • दतिया → भोपाल: 1 घंटे 10 मिनट

  • दतिया → खजुराहो: 40 मिनट
    💸 टिकट किराया: ₹1000 से शुरू — ट्रेन से भी सस्ता!


📣 प्रधानमंत्री और मंत्रियों की प्रतिक्रिया

🗨️ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:
“दतिया और सतना हवाई अड्डे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती देंगे और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगे।”

🗨️ नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू:
“यह एयरपोर्ट झांसी और बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा।”


🚀 स्थानीय विकास को नई उड़ान

दतिया एयरपोर्ट से जुड़ने के बाद क्षेत्र में:

  • 🌍 पर्यटन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा

  • 🧑‍🎓 शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुँच

  • 🏭 छोटे उद्योगों और कारोबार के लिए नई संभावनाएँ

  • 👨‍👩‍👧‍👦 स्थानीय लोगों को बेहतर संपर्क और रोजगार


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विमल "हिंदुस्तानी"
"लेखक ने दिल्ली एनसीआर के प्रमुख संस्थान से Mass Communication & Journalisam with Advertisment मे दो वर्ष अध्ययन किया है एवं पिछले दस वर्षों से मीडिया जगत से जुड़े हैं। उन्होंने विभिन्न न्यूज़ चैनलों में संवाददाता के रूप में कार्य किया है और एक समाचार पत्र का संपादन, प्रकाशन तथा प्रबंधन भी स्वयं किया है। लेखक की विशेषता यह है कि वे भीड़ के साथ चलने के बजाय ऐसे विषयों को उठाते हैं जो अक्सर अनछुए रह जाते हैं। उनका उद्देश्य लेखनी के माध्यम से भ्रम नहीं, बल्कि ‘ब्रह्म’ – यानि सत्य, सार और सच्चाई – को प्रस्तुत करना है।"